ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट साझेदारी और सरकारी सहायता की अहमियत पर जोर देना होगा। यह निष्कर्ष ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विश्व बकरी दिवस पर हेइफर इंटरनेशनल की सहायक कंपनी पासिंग गिफ्ट्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में निकला, जिसमें क्षेत्र से जुड़े विभिन्न हितधारक और विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यक्रम में बकरी पालन के महत्व और ग्रामीण आजीविका पर इसके सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई।
पासिंग गिफ्ट्स के कार्यक्रम निदेशक अक्षय बिस्वाल ने ओडिशा सामाजिक-आर्थिक विकास (ओएसईडी) परियोजना के तहत मयूरभंज और क्योंझर जिलों में 30,000 परिवारों को दी जा रही सहायता की जानकारी दी। उन्होंने हैचिंग होप और ट्रांसफॉर्म परियोजनाओं के माध्यम से हजारों छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने की बात भी साझा की। बिस्वाल ने सामुदायिक पशु और पशु चिकित्सा उद्यमियों के लिए सरकारी प्रमाणन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम में पैनल चर्चा के दौरान टिकाऊ बकरी पालन, इससे जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श हुआ। टाटा स्टील के डॉ. अंबिका प्रसाद नंदा ने “लखपति बकरी उद्यमियों” को किसानों के लिए प्रेरणादायक बताया। ओयूएटी के डॉ. ए.पी. आचार्य ने बकरी आधारित आजीविका में कॉर्पोरेट सहयोग की भूमिका पर प्रकाश डाला, जबकि वीओटीआई के डॉ. राजीव शर्मा ने बकरियों को ग्रामीण किसानों के लिए “एटीएम” के रूप में बताया और बकरी पालन में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने पर बल दिया।
एचडीएफसी बैंक के स्वरूप शर्मा ने सरकारी योजनाओं को सरल और किसानों के लिए अधिक प्रभावी बनाने पर विचार साझा किए। आईसीएआर-सीआईडब्ल्यूए के डॉ. बिस्वनाथ साहू ने बकरी उत्पादों के पोषण लाभ और कृषि पद्धतियों में सुधार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के महत्व को रेखांकित किया।
विश्व बकरी दिवस के इस आयोजन ने बकरी पालन में मौजूद चुनौतियों और उनके समाधान की दिशा में एकजुट प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया। पासिंग गिफ्ट्स का कहना है कि वह बकरी पालन की स्थिरता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां संगठन 70,000 किसानों के साथ काम कर रहा है, जो पूरे देश में कृषि विकास के प्रति इसकी व्यापक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।