भारत को लंबे समय से संभावनाओं की भूमि के रूप में जाना जाता है। पंजाब के डेयरी किसानों की उपलब्धियों ने इस बात को और मजबूत किया है। प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) ने 8-10 फरवरी 2025 को लुधियाना जिले के जगरांव में अपना 18वां अंतरराष्ट्रीय डेयरी और कृषि एक्सपो आयोजित किया। यह आयोजन डेयरी और कृषि क्षेत्र में इनोवेशन तथा सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है, जिसमें देश-विदेश से लोगों की भागीदारी होती है।
इस वर्ष के एक्सपो में डेयरी मशीनरी, उपकरण और जेनेटिक्स क्षेत्र की वैश्विक दिग्गज कंपनियों की व्यापक भागीदारी देखी गई। इन कंपनियों ने अत्याधुनिक उत्पादों और टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया, जिससे किसानों को नवीनतम प्रगति की प्रत्यक्ष जानकारी मिली। इस आयोजन में भारत और विदेश के 3.5 लाख से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिससे एक प्रमुख कृषि कार्यक्रम के रूप में इसकी प्रतिष्ठा और मजबूत हुई।
भारत का डेयरी उद्योग कम उत्पादकता की चुनौती का सामना कर रहा है। इसमें फीड कन्वर्जन अनुपात में सुधार की आवश्यकता है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए एक्सपो में विशेषज्ञों ने एडवांस ब्रीडिंग, पोषण और प्रबंधन तरीके अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जिससे डेयरी उत्पादन बढ़ाया जा सके।
पीडीएफए की स्थापना 1972 में कुछ सौ सदस्यों के साथ डेयरी फार्मिंग का प्रदर्शन सुधारने के उद्देश्य से की गई थी। हालांकि, इसमें बदलाव 2003 में दूरदर्शी डेयरी किसान सरदार दलजीत सिंह के नेतृत्व में शुरू हुआ। उन्होंने डेयरी खेती में क्रांति लाने का संकल्प लिया और उन्नत डेयरी वाले देशों का दौरा किया। उन्होंने वहां सीखी गई तकनीकों को पीडीएफए के किसानों के साथ साझा किया। उन्होंने एसोसिएशन के सदस्यों के अंतरराष्ट्रीय डेयरी एक्सपो दौरे का भी नेतृत्व किया, जिससे किसानों को बेहतर प्रथाओं को अपनाने की प्रेरणा मिली।
इन अनुभवों को हासिल करने के बाद एसोसिएशन ने 2007 में अपना पहला एक्सपो आयोजित किया। एक साधारण कार्यक्रम के रूप में शुरू हुआ एक्सपो अब एक विशाल आयोजन बन चुका है। इसके 2025 संस्करण में डेयरी उत्पादन, मशीनरी, फीड और जेनेटिक्स में विशेषज्ञता रखने वाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने 550 से अधिक स्टॉल लगाए। कंपनियों ने ऑटोमेटेड मिल्किंग सिस्टम और उन्नत पशु पोषण समाधान जैसी तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिससे किसानों को उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एक्सपो का एक प्रमुख आकर्षण शानदार पशु प्रतियोगिता थी। इसमें 1,200 से अधिक उच्च गुणवत्ता के दूध देने वाले पशु शामिल थे। इनमें होल्स्टीन और जर्सी गायें तथा मुर्रा और नीली रवि भैंसें थीं। इन पशुओं का मूल्यांकन चार अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक प्रतिष्ठित पैनल द्वारा किया गया। पैनल के जजों में से एक, नीदरलैंड्स के अल्बर्ट रेयुरिंक ने पीडीएफए किसानों की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि वे अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
डेयरी क्षेत्र में उन्नत देश बेल्जियम के 28 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल इस एक्सपो में भाग लेने आया। उन्हें इसकी जानकारी ऑनलाइन मिली थी। वे यहां के पशुओं की गुणवत्ता देखकर हैरान रह गए और कहा कि यूरोप में भी ऐसे उच्च मानक शायद ही देखने को मिलते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पंजाब के डेयरी किसानों के पास दुनिया को सिखाने के लिए बहुत कुछ है। देखें तो ज्ञान का प्रवाह उल्टा हो रहा है- जो भारत कभी डेयरी में एक शिक्षार्थी था, वह अब अग्रणी के रूप में उभर रहा है।
मुझे पहली बार इस एक्सपो का दौरा करने का अवसर मिला, और भारत में इतनी उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी पशुओं को देखकर मैं चकित रह गया। मैं दलजीत सिंह और उनकी टीम के अद्भुत कार्य के लिए उन्हें धन्यवाद और बधाई देता हूं।
पीडीएफए की सफलता का रहस्य सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले प्रोजेनी-टेस्टेड सीमेन के उपयोग में निहित है। इसे वर्ष 2007 में डेयरी के क्षेत्र में उन्नत देशों से आयात किया गया था। इसके साथ उत्कृष्ट पोषण और प्रबंधन तरीकों को भी अपनाया गया। पीडीएफए अपने सदस्यों का मार्गदर्शन करने के लिए नियमित रूप से दुनिया भर के विशेषज्ञों को आमंत्रित करता है। इन प्रयासों का परिणाम तब दिखा जब हरप्रीत सिंह की गाय को चैंपियन घोषित किया गया। उनकी गाय प्रतिदिन 81.96 किलोग्राम दूध देती है। उन्होंने पुरस्कार के रूप में एक नया ट्रैक्टर जीता।
यह भी उल्लेखनीय है कि एसोसिएशन के सदस्य किसानों की गायों का औसत दूध उत्पादन 305 दिनों की एक लैक्टेशन अवधि में 9,000 से 12,000 किलोग्राम के बीच होता है। शीर्ष पांच होल्स्टीन और जर्सी गायों की उनकी असाधारण उत्पादकता के लिए पहचान की गई।
इस एक्सपो को भारत सरकार और अकादमिक जगत का भी जबरदस्त समर्थन प्राप्त हुआ। पशुपालन मंत्री, वरिष्ठ नौकरशाहों, कुलपतियों, डेयरी सहकारी नेताओं और शिक्षाविदों की उपस्थिति ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाई। भारत सरकार के पशुपालन विभाग के संयुक्त आयुक्त डॉ. भूषण त्यागी इस वर्ष के एक्सपो में उपस्थित हुए और आधुनिक डेयरी प्रथाओं को अपनाने और सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए पीडीएफए के प्रयासों की सराहना की।
अंत में यही कहा जा सकता है कि 18वां अंतरराष्ट्रीय डेयरी और कृषि एक्सपो एक शानदार सफलता रही, जिसने वैश्विक डेयरी उद्योग में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया। पीडीएफए के प्रयास हर साल भारत को डेयरी क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी बनने के करीब ला रहे हैं। इसके अलावा, इसके प्रयास किसानों, इंडस्ट्री लीडर्स और नीति-निर्माताओं को उत्कृष्टता की इस तलाश में एकजुट कर रहे हैं।
(डॉ. आर.एस. सोढ़ी, प्रेसिडेंट, इंडियन डेयरी एसोसिएशन और चेयरपर्सन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, आंत्रप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टम) तंजावुर हैं। उदय तिवारी राष्ट्रीय संयोजक, प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन हैं)