फूड डिलिवरी प्लेटफार्म जोमैटो के राइडर वेज फूड ले जा रहे हैं या नॉन-वेज फूड, उन्हें अब कपड़ों से नहीं पहचाना जाएगा। शुद्ध शाकाहारियों के लिए अलग "प्योर वेज मोड" सेवा शुरू करने के 18 घंटे के भीतर ही जोमैटो को अपनी गलती का अहसास हुआ और कंपनी ने हरी यूनिफॉर्म से हाथ खींच लिया।
जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि शाकाहारियों के लिए फ्लीट जारी रहेगी, लेकिन इसके लिए हरे रंग की यूनिफॉर्म का इस्तेमाल नहीं होगा। जोमैटो के सभी राइडर लाल पोशाक में दिखेंगे।
क्यों हटानी पड़ी हरी पोशाक?
जोमैटो ने यह निर्णय शुद्ध शाकाहारी लोगों के लिए अलग फ्लीट पर मचे विवाद के बाद लिया है। अब वेज या नॉन-वेज फूड वाले जोमैटो राइडर्स लाल रंग की पोशाक में ही दिखेंगे। हालांकि, ऐप पर दिखेगा कि शाकाहारी ऑर्डर को शाकाहारी फ्लीट द्वारा पहुंचाया जा रहा है।
प्योज वेज डिलिवरी के लिए हरे रंग और रेगुलर सर्विस के राइडर की लाल रंग की यूनिफॉर्म को लेकर कई आपर्त्तियां जताई जा रही थीं। इस विवाद के बाद कंपनी ने फ्लीट के बीच रंग का भेद खत्म करने का निर्णय लिया है।
सीईओ ने दी सफाई
हरी पोशाक हटाने के फैसले के बारे में जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल का कहना है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारे लाल यूनिफॉर्म वाले डिलीवरी पार्टनर गलत तरीके से नॉन-वेज भोजन के साथ ना जोड़े जाएं, और उन्हें किसी विशेष दिन आरडब्ल्यूए या सोसायटी द्वारा ना रोका जाए। राइडर्स की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है।
गोयल ने कहा, “हमें एहसास हुआ कि फ्लीट की अलग पहचान से कुछ ग्राहकों को भी मकान मालिकों के साथ परेशानी हो सकती है। अगर हमारी वजह से ऐसा हुआ तो यह अच्छी बात नहीं होगी। कल रात इस बारे में बात करने के लिए सभी को धन्यवाद। आपने हमें इस रोलआउट के अनपेक्षित परिणामों के बारे में समझाया।”
क्या है प्योज वेज मोड?
मंगलवार को जोमैटो ने "प्योर वेज फ्लीट" के साथ "प्योर वेज मोड" वाली सर्विस को लॉन्च किया था। यह सेवा उन ग्राहकों के लिए शुरू की गई है जो शुद्ध शाकाहारी भोजन पसंद करते हैं। इसमें यूजर्स को केवल शाकाहारी भोजन परोसने वाले रेस्तरां से फूड चुनने की अनुमति देगी। इस सेवा में वे आउटलेट शामिल नहीं होंगे जो शाकाहारी और मांस दोनों प्रकार की चीजें परोसते हैं।
खूब हुई आलोचना
जोमैटो के अलग शुद्ध शाकाहारी फ्लीट के निर्णय की खूब आलोचना हुई। इसके जरिए शुद्ध शाकाहार को थोपने के आरोप लगे। राइडर्स के हरे या लाल रंग की पोशाक से यह पहचानना आसान हो जाएगा कि वे जो खाना ले जा रहे हैं वह शाकाहारी है या मांसाहारी। इससे राइडर्स को भेदभाव और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इस पर सफाई देते हुए गोयल ने कहा था कि "प्योर वेज फ्लीट" का उद्देश्य "किसी भी धार्मिक, या राजनीतिक प्राथमिकता" को अलग-थलग करना नहीं है। गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि वेज फ्लीट में भागीदारी डिलिवरी पार्टनर की आहार प्राथमिकताओं के आधार पर भेदभाव नहीं करेगी। लेकिन इससे विवाद नहीं थमा। आखिरकार कंपनी को "प्योज वेज फ्लीट" के लिए हरी यूनिफॉर्म लागू करने के फैसले को वापस लेना पड़ा।