कृषि क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को एग्री ड्रोन से लैस करने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार ने 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने का फैसला किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक देशभर के 15 हजार चुनिंदा महिला स्वयं सहायता समूहों को एग्री ड्रोन मुहैया कराने के लिए एक योजना शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए वित वर्ष 2024-25 और 2025-26 में 1261 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा।
इस योजना के तहत केंद्रीय सहायता के तौर पर ड्रोन और उसके एसेसरीज की कुल लागत का 80 फीसदी (8 लाख रुपये तक) सब्सिडी दी जाएगी। बाकी 20 फीसदी राशि के लिए नेशनल एग्रीकल्चर इन्फ्रा फाइनेंसिंग फैसिलिटी (एआईएफ) के तहत लोन दिया जाएगा। इस लोन पर 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी। नैनो फर्टिलाइजर और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसानों को किराये पर ड्रोन देकर महिला स्वयं सहायता समूह कमाई भी कर सकेंगे।
बयान में कहा गया है कि महिला स्वयं सहायता समूह के एक सदस्य, जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक होगी, को ड्रोन उड़ाने की 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें से 5 दिन की ड्रोन पायलट ट्रेनिंग आवश्यक होगी और 10 दिन की अतिरिक्त ट्रेनिंग उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए दी जाएगी। उस सदस्य का चुनाव राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन (एसआरएलएम) और लीड फर्टिलाइजर कंपनी (एलएफसी) द्वारा किया जाएगा।
महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ड्रोन खरीदने, उसके मरम्मत और रखरखाव की दिक्कतों को देखते हुए यह फैसला किया गया है एलएफसी ड्रोन सप्लायर कंपनियों और स्वयं सहायता समूहों के बीच पुल का काम करेंगे। साथ ही नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नैनो फर्टिलाइजर को बढ़ावा भी देंगे।