भारत के कृषि कार्यबल में महिलाओं की 64% हिस्सेदारी, लेकिन एग्री कंपनियों के शीर्ष पदों पर नाममात्र उपस्थिति: रिपोर्ट

नई रिपोर्ट ने भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका और शीर्ष पदों पर उनकी कम उपस्थिति के बीच गहरी खाई को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार कृषि कार्यबल में 64.4% महिलाएं हैं, लेकिन सिर्फ 6-10% महिलाएं कृषि और इससे संबंधित शीर्ष कंपनियों में नेतृत्वकारी पदों पर हैं।

नई रिपोर्ट ने भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका और शीर्ष पदों पर उनकी कम उपस्थिति के बीच गहरी खाई को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार कृषि कार्यबल में 64.4% महिलाएं हैं, लेकिन सिर्फ 6-10% महिलाएं कृषि और इससे संबंधित शीर्ष कंपनियों में नेतृत्वकारी पदों पर हैं।

“एग्रीबिजनेस में महिलाएं - अवसर और चुनौतियां” शीर्षक से यह रिपोर्ट गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIMA) और गोदरेज DEI लैब के साथ मिलकर तैयार की है। इसे दूसरे ‘वुमेन इन एग्रीकल्चर’ समिट में जारी किया गया।

समिट में बोलते हुए गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि कृषि व्यवसाय का भविष्य महिलाओं को शिक्षा, कार्यस्थलों में समावेश बढ़ाकर और नेतृत्व विकास के माध्यम से सशक्त बनाने में निहित है।" उन्होंने यह भी बताया कि गोदरेज एग्रोवेट ने कृषि मूल्य श्रृंखला में एक लाख महिलाओं की मदद करने का संकल्प लिया था। इस दिशा में एक वर्ष के भीतर ही 20,000 महिलाओं को मदद की गई है।

रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि कृषि शिक्षा कार्यक्रमों में महिलाओं का 30-40% नामांकन होता है, लेकिन इनमें से बहुत कम महिलाएं औपचारिक कृषि क्षेत्र में रोजगार पाती हैं।

आईआईएम अहमदाबाद की फैकल्टी सदस्य विद्या वेमिरेड्डी ने इसे एक "विरोधाभास" बताया। उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र में महिलाओं की मजबूत भागीदारी और उच्च शैक्षणिक उपस्थिति के बावजूद, औपचारिक रोजगार में उनकी भागीदारी नगण्य है।"

लैंगिक असमानता दूर करने का खाका
रिपोर्ट ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई रणनीतियां सुझाई हैं, जिनमें शामिल हैं: महिलाओं को संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित करना, महिलाओं के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करना और समावेशी कार्यस्थलों को बढ़ावा देकर महिलाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित करना।

समिट के दौरान, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड की एक्जीक्यूटिव चेयरपर्सन निसाबा गोडरेज और बलराम सिंह यादव ने ‘गोदरेज एग्रोवेट वुमेन इन एग्रीकल्चर’ स्कॉलरशिप की शुरुआत की घोषणा की। यह छात्रवृत्ति कृषि अध्ययन में पांच छात्राओं को दी जाएगी।

गोडरेज एग्रोवेट की मानव संसाधन प्रमुख, मल्लिका मुतरेजा ने बताया कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में महिलाओं की भागीदारी को 8% से बढ़ाकर 12% तक पहुंचा दिया है और 2027-28 तक इसे 32% तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

समिट में दो प्रमुख विषयों पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं: “कृषि में महिलाओं के लिए बाधाएं तोड़ना” और “बोर्डरूम से बदलाव तक: नेतृत्व में महिलाएं”। इन चर्चाओं में उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने भाग लिया और कृषि क्षेत्र को अधिक समावेशी और समान अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।