पिछले तीन महीनों में दालों की थोक कीमतों में 8 फीसदी तक गिरावट आई है, लेकिन इसके बावजूद बड़ी रिटेल कंपनियों ने इस अनुपात में कीमतों मेंं कटौती नहीं की है। रिटेल कंपनियों के आउटलेट्स और ऑनलाइन स्टोर्स पर दालों की कीमतें खुदरा बाजारों से कहीं अधिक हैं। रूरल वॉयस ने जब रिलायंस रिटेल, विशाल मार्ट और डी मार्ट जैसी बड़ी रिटेल कंपनियों के ऑनलाइन स्टोर्स पर दाम चेक किए तो कीमतें बाजार से कहीं अधिक मिलीं। हालांकि, केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने हाल ही में रिटेल इंडस्ट्री से दालों की कीमतें कम रखने में सरकार का सहयोग करने को कहा था।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चना दाल को छोड़कर अन्य सभी दालों की थोक और खुदरा कीमतों में गिरावट आई है। पिछले तीन महीनों में तूर दाल की औसत थोक कीमत 15,629.85 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 15,279.41 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। उड़द दाल की थोक कीमत 11,680.07 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 11,512.05 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग दाल की कीमत 10,829.23 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 10,640.56 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। मसूर दाल की कीमत 8,425.64 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 8,162.52 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। हालांकि चना दाल की औसत थोक कीमत पिछले तीन माह में 8,067.19 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 8,739.26 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दालों की खुदरा कीमतें भी पिछले तीन महीनों में कम हुई हैं। तूर दाल की औसत खुदरा कीमत तीन महीने पहले 168.59 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 162.73 रुपये प्रति किलो हो गई है। उड़द दाल की औसत खुदरा कीमत 127.66 रुपये प्रति किलो से घटकर 124.55 रुपये प्रति किलो, मूंग दाल की 118.74 रुपये प्रति किलो से घटकर 116.04 रुपये प्रति किलो और मसूर दाल की 93.57 रुपये प्रति किलो से घटकर 89.88 रुपये प्रति किलो हो गई है। चना दाल की कीमत 89.1 रुपये से बढ़कर 94.06 रुपये प्रति किलो हो गई है।
बड़ी रिटेल कंपनियों के आउटलेट्स और ऑनलाइन स्टोर्स पर चना दाल की औसत खुदरा कीमत 121 रुपये से 134 रुपये प्रति किलो, तूर दाल की 205 रुपये से 229 रुपये प्रति किलो, उड़द दाल की 142 रुपये से 169 रुपये प्रति किलो, मूंग दाल की 148 रुपये से 169 रुपये प्रति किलो और मसूर दाल की 106 रुपये से 112 रुपये प्रति किलो के बीच है। इन आंकड़ों से साफ है कि दालों की थोक और खुदरा कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन बड़ी रिटेल कंपनियों ने कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल रहा है।
दालों की महंगाई रोकने के लिए 9 अक्टूबर को केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रमुख मंडियों में अरहर और उड़द की थोक कीमतों में 10 फीसदी की कमी आई है, लेकिन खुदरा बाजार में कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं। खरे ने दालों की खुदरा और थोक कीमतों में बढ़ते अंतर और अनुचित मार्जिन को लेकर रिटेल कंपनियों को आगाह करते हुए कहा था कि इस पर नजर रखी जा रही है। अगर यह अंतर बढ़ता है तो सरकार को आवश्यक कदम उठाने पड़ेंगे।
उपभोक्ता मामलों की सचिव ने रिटेल इंडस्ट्री से दालों की कीमतें कम रखने में सरकार का सहयोग करने को भी कहा था। खासकर भारत दाल के वितरण में एनसीसीएफ और नेफेड के साथ काम करने का सुझाव दिया था। बैठक में रिलायंस रिटेल, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल जैसी बड़ी रिटेल कंपनियों के प्रतिनिधी मौजूद थे।