खाद्य वस्तुओं और सब्जियों के दाम में भारी वृद्धि की वजह से जुलाई में थोक महंगाई तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, यह अब भी शून्य से नीचे बनी हुई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 में थोक महंगाई माइनस 1.36 फीसदी रही है जो जून में माइनस 4.12 फीसदी और मई में 3.48 फीसदी थी। जुलाई 2022 में यह 14.07 फीसदी थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई में सबसे ज्यादा 15.26 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले खाद्य वस्तुओं की महंगाई में करीब 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह जून के 1.32 फीसदी से बढ़कर जुलाई में 14.25 फीसदी पर पहुंच गई है। इसी तरह, टमाटर सहित अन्य सब्जियों के दाम में जुलाई में भारी वृद्धि हुई। सब्जियों की महंगाई जून के माइनस 21.98 फीसदी से भारी उछाल के साथ जुलाई में 62.12 फीसदी पर पहुंच गई।
हालांकि, जुलाई में खनिज तेल, बुनियादी उत्पाद, धातु, रसायन एवं रसायनिक उत्पाद और कपड़े की थोक कीमतों में गिरावट का रुख रहा है।
महंगाई की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ही रिजर्व बैंक ने अपने महंगाई अनुमान में बढ़ोतरी कर दी है। पिछले हफ्ते मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा करते हुए रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के अपने महंगाई पूर्वानुमान को 5.1 फीसदी से बढ़कार 5.4 फीसदी कर दिया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर भी तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जून में औद्योगिक उत्पादन की दर घटकर 3.7 फीसदी रह गई है। मई में यह 5.3 फीसदी और अप्रैल में 4.5 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में औद्योगिक उत्पादन की दर 4.5 फीसदी रही है जो पिछले साल की समान तिमाही में 12.9 फीसदी रही थी।