रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई अब तक 248.59 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। रबी सीजन 2022-23 में मौसम में हुए अचानक परिवर्तन की वजह से गेहूं की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इस बार जलवायु अनुकूल किस्मों की बुवाई गेहूं के कुल रकबे में 60 फीसदी पर करने का लक्ष्य रखा है। रबी सीजन में औसतन 648.33 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होती है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में शुक्रवार को फसलों के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष गेहूं के कुल रकबे में से करीब 60 फीसदी रकबे में जलवायु अनुकूल किस्मों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। ऐसी किस्मों से उत्पादन में स्थिरता लाने में मदद मिलेगी। तोमर ने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक निगरानी समिति का गठन करने का सुझाव दिया।
पिछले रबी सीजन में गेहूं उत्पादक प्रमुख राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। इसकी वजह से उत्पादन में कमी आई थी। 2022-23 के लिए कृषि मंत्रालय के अंतिम अनुमान के मुताबिक, पिछले सीजन में गेहूं का उत्पादन 1105.54 लाख टन रहा। 2021-22 में देश में 1077.42 लाक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। उत्पादन में कमी की वजह से केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की सरकारी खरीद भी लक्ष्य से काफी कम 262 लाख टन रह गया था।
बैठक में खरीफ फसलों के प्रदर्शन एवं अनुमानित उपज के संदर्भ में बताया गया कि मानसून की देरी और अगस्त में कम बारिश से फसलों की पैदावार प्रभावित हुई, लेकिन सितंबर में ज्यादातर राज्यों में बारिश सामान्य रहने से खरीफ का उत्पादन अधिक प्रभावित नहीं होने की संभावना है। रबी की बुवाई के संदर्भ में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मृदा में नमी की औसत मात्रा अच्छी है और बुवाई का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।