चालू रबी सीजन में अब तक गेहूं बुवाई का रकबा 5 लाख हेक्टेयर घटकर 86.02 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल की समान अवधि में गेहूं का बुवाई रकबा 91.02 लाख हेक्टेयर था। कई खरीफ फसलों की कटाई देर से होने के चलते गेहूं की बुवाई में देरी हुई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्रालय ने कहा है, "पिछले वर्ष 17 नवंबर तक 91.02 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी मगर इस साल इस अवधि तक लगभग 86.02 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में यह 5.5 फीसदी कम है।" मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में रकबा कम रहा है।
गेहूं उत्पादन में नंबर एक राज्य उत्तर प्रदेश में अभी तक 3.87 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है। पंजाब में 2.28 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 2.14 लाख हेक्टेयर और गुजरात 0.71 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुवाई हुई है। इसकी तुलना में मध्य प्रदेश और राजस्थान के बुवाई रकबे में पिछले साल की तुलना में वृद्धि दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश में 3.44 लाख हेक्टेयर में और राजस्थान में 0.68 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है।
घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने पिछले साल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था जो अभी जारी है। साथ ही घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और गेहूं और आटा की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अपने बफर स्टॉक से गेहूं को खुले बाजार में उतार रही है।
आंकड़ों के मुताबिक, रबी सीजन की धान का बुवाई रकबा भी पिछले साल की तुलना में कम है। पिछले साल 17 नवंबर तक रबी की धान का रकबा 8.05 लाख हेक्टेयर रहा था, जो इस साल इस अवधि तक 7.65 लाख हेक्टेयर रहा है। रबी सीजन की दालों का बुवाई क्षेत्रफल 69.37 लाख हेक्टेयर की तुलना में 65.16 लाख हेक्टेयर रहा है। हालांकि, मोटे अनाज का रकबा 15.85 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 18.03 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 73.17 लाख हेक्टेयर से घटकर 71.74 लाख हेक्टेयर हो गया है। रबी की मुख्य तिलहन फसल सरसों/रेपसीड का रकबा 69.31 लाख हेक्टेयर की तुलना में 68.55 लाख हेक्टेयर रह गया है। 17 नवंबर तक सभी रबी फसलों का कुल क्षेत्रफल 3 फीसदी गिरकर 248.59 लाख हेक्टेयर रहा है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 257.46 लाख हेक्टेयर था।