कैसी आत्मनिर्भरता? नवंबर में खाद्य तेलों का आयात 39 फीसदी बढ़ा, किसानों को घाटा

नवंबर में सूरजमुखी और सोयाबीन ऑयल का आयात ढाई गुना से अधिक बढ़ा, किसानों और घरेलू खाद्य तेल उद्योग के लिए मुश्किल

एक तरफ देश में सोयाबीन और सरसों जैसी तिलहन फसलों के किसान सही भाव को तरस रहे हैं वहीं देश के खाद्य तेल आयात में काफी उछाल आया है। नवंबर महीने में भारत का खाद्य तेल आयात 38.5 प्रतिशत बढ़कर 15.90 लाख टन तक पहुंच गया। खासतौर पर कच्चे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात में बढ़ोतरी हुई है।

गुरुवार को खाद्य तेल उद्योग के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, ऑयल ईयर 2024-25 के पहले महीने नवंबर के दौरान वनस्पति तेलों का आयात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 40 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 16.27 लाख टन तक पहुंच गया। खाद्य तेलों का वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक होता है।

सूरजमुखी व सोयाबीन ऑयल का आयात बढ़ा  

नवंबर में हुए वनस्पति तेलों के कुल आयात में 15.90 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ जो पिछले साल नवंबर में 11.48 लाख टन था। नवंबर 2024 में कुल 2.84 लाख टन आरबीडी पामोलिन का आयात हुआ जो पिछले साल नवंबर में 1.71 लाख टन था। हालांकि, क्रूड पाम ऑयल का आयात घटकर 5.47 लाख टन रह गया जो पिछले साल नवंबर में 6.92 लाख टन था। लेकिन क्रूड सोयाबीन ऑयल का आयात 1.49 लाख टन से बढ़कर 4.07 लाख टन हो गया। इसी तरह कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात 3.40 लाख टन तक पहुंच गया जो पिछले साल नवंबर में 1.28 लाख टन था।  

आयात में सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी बढ़ी   

नवंबर में वनस्पति तेलों के कुल आयात में पाम ऑयल (क्रूड और रिफाइंड सहित) की हिस्सेदारी घटकर 53 फीसदी रह गई है जो पिछले साल नवंबर में 76 फीसदी थी। जबकि सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी 24 फीसदी से बढ़कर 47 फीसदी हो गई। नवंबर में आयात हुए कुल 15.90 लाख टन खाद्य तेलों में लगभग आधा हिस्सा क्रूड सोयाबीन और सनफ्लोवर ऑयल जैसे सॉफ्ट तेलों का है।

कुल खाद्य तेल आयात में रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलिन) की कुल हिस्सेदारी नवंबर 2023 में 15 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2024 में 18 प्रतिशत हो गई।

किसानों और घरेलू उद्योग को नुकसान

सोयाबीन ऑयल के अत्यधिक आयात के कारण सोयाबीन की घरेलू कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है। देश में सोयाबीन के दाम 4250-4300 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं जबकि सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4892 रुपये प्रति क्विंटल है। इससे सोयाबीन उगाने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही यह सोयाबीन प्रोसेसर्स और घरेलू खाद्य तेल उद्योग के लिए भी चिंताजनक है।

इस स्थिति को देखते हुए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से क्रूड पाम ऑयल, सरसों तेल, सोयाबीन और सोयाबीन ऑयल के वायदा व्यापार पर लगी रोक हटाने की मांग की है।

इन देशों से होता है आयात

इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और क्रूड पाम ऑयल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। सोयाबीन ऑयल मुख्य रूप से अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस से आयात किया जाता है जबकि सूरजमुखी तेल रूस, यूक्रेन और अर्जेंटीना से आयात किया जाता है।

नवंबर 2024 के दौरान इंडोनेशिया ने भारत को 2.42 लाख टन क्रूड पाम ऑयल और 2.40 लाख टन आरबीडी पामोलिन का निर्यात किया। मलेशिया ने इस अवधि के दौरान 2.61 लाख टन क्रूड पाम ऑयल और 44,402 टन आरबीडी पामोलिन का निर्यात किया। भारत ने अर्जेंटीना से 3.37 लाख टन, ब्राजील से 22,298 टन और रूस से 23,643 टन क्रूड सोयाबीन ऑयल का आयात किया। रूस ने इस अवधि के दौरान भारत को 2.03 लाख टन, यूक्रेन ने 1.15 लाख टन और अर्जेंटीना ने 22,200 टन क्रूड सनफ्लोवर ऑयल का निर्यात किया।