गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का इंतजार अब खत्म हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार को गुजरात में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को और दूसरे चरण का मतदान 5 दिसंबर को होगा। इसके बाद 8 दिसंबर को चुनाव का नतीजा आएगा। इसी दिन हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम भी घोषित होने हैं जहां 12 नवंबर को एक ही दौर में मतदान होना है। गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 89 सीटें हैं जबकि दूसरे चरण में 93 सीटें शामिल हैं।
पिछले विधान सभा चुनावों में भाजपा ने में 99 सीटें जीतकर लगातार छठी जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में बीजेपी को का 49.05 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 42.97 फीसदी वोट मिले थे.
विधानसभा चुनावों के बाद भी कांग्रेस ने कई बार हार का सामना किया और भाजपा सदन में अपने विधायकों की लगातार संख्या बढ़ाती चली गई और उसके विधायको की संख्या 111 हो गई। दूसरी ओर, कांग्रेस के विधायकों की संख्या 77 से गिर कर 63 हो गई।
इस बार गुजरात के चुनाव के मैदान में तीसरी पार्टी आम आदमी पार्टी ने अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है जो सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भी चुनौती दे रही है। कांग्रेस कमजोर हुई है लेकिन अभी भी इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। ऐसे में स्थिति में मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है ।
आप ने गुजरात पर अपनी नजरें जमा ली हैं और वह पहले से ही राज्य में चुनावी मोड में आ चुकी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनाधार बढाने के लिए गुजरात के कई दौरे किए हैं ताकि उनकी पार्टी पंजाब में सफल प्रवेश के बाद इस राज्य में पैठ बना सके। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ करने के लिए हाल के दिनों में गुजरात के कई दौरे कर चुके हैं।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों को 2023 में कुछ अन्य राज्यों होने वाले चुनावों और उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जब मोदी और भाजपा केंद्र में अपनी लगातार तीसरी सरकार के बनाने के लिए जोर अजमाइश करेगें।
चुनाव मे शामिल होने वाली सभी पार्टियां पहले से ही स्थानीय मुद्दों को उठा रही है लेकिन जैसे-जैसे .चुनाव नजदीक आयंगे इस पर और बहस गरमाती जाएगी। विपक्षी पार्टियों 30 अक्टूबर की गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर पुल गिरने वाली त्रासदी, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई, उसे मुद्दा बनाकर भावनात्मक लाभ ले सकती हैं।