उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के एकौनी गांव में 200 घन मीटर प्रतिदिन बायोगैस उत्पादन क्षमता का एक बायोगैस संयंत्र स्थापित किया गया है जो गोबर आधारित वेस्ट रिसाइकिलिग इकोनॉमी मॉडल है | जिसमें पांच टन प्रतिदिन गोबर की जरूरत पड़ेगी। इतने गोबर की जरूरत है डेयरी पशुओं औऱ डेयरी पशुओं और गांव के भीतर या गांव के आसपास के किसानों से एकत्र होनी की उम्मीद है| इस परियोजना का उद्देश्य एकौनी गांव के 120 घरों में पाइपलाइन के माध्यम से चौबीस घंटे रसोई ईंधन के रूप में बायोगैस की आपूर्ति करना है।
इस परियोजना का शुभारंभ केंद्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी और एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह की उपस्थिति में बुधवार 27 जुलाई 2022 को किया गया | यह बायोगैस संयंत्र एनडीडीबी के मार्गदर्शन से एक प्रगतिशील डेयरी किसान नागेंद्र सिंह की नन्द सदन गौशाला ग्राम एकौनी में साफ बायोगैस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है|
इस परियोजना में चार किलोमीटर लंबे इस बायोगैस नेटवर्क में प्रत्येक उपभोक्ता के घर में एक बायोगैस फ्लो-मीटर लगाया गया है जिसमें प्रति माह रीडिंग ली जाएगी और उपभोक्ता द्वारा एक तय शुल्क के अनुसार भुगतान किया जाएगा | उपभोक्ता केवल उस बायोगैस की मात्रा का भुगतान करेंगे जिसका उन्होंने फ्लो-मीटर रीडिंग के अनुसार उपभोग किया हैं| साफ एनर्जी इस संयंत्र का परिचालन करेगी जिसके लिए उन्होंने कुशल एवं प्रशिक्षित लोगों की एक टीम बनाई है
इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिये एनडीडीबी ने साफ एनर्जी को परियोजना का प्रारूप बनाने, गौशाला का चयन करने और गोबर एकत्रीकरण के लिए सिस्टम स्थापित करने में मदद की है | यह बायोगैस संयंत्र, वाराणसी डेयरी प्लांट से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर है| इस परियोजना को सस्टेन प्लस एनर्जी फाउंडेशन, जो टाटा ट्रस्ट द्वारा समर्थित है उससे वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है | उद्यमी द्वारा प्रायोजित पाइप्ड बायोगैस ग्रिड नेटवर्क बनाने एवं बायोगैस स्लरी आधारित खाद संवर्धन करने वाली यह प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना है |आगामी दिनों में एनडीडीबी किसानों तथा बायोगैस के ग्राहकों से वित्तीय लेनदेन के प्रबंधन के लिए भी एक व्यवस्था विकसित करने तथा बायोगैस संयंत्र से निकलने वाली स्लरी के प्रबंधन और खाद प्रसंस्करण पहलुओं में भी साफ एनर्जी को समुचित सहायता प्रदान करेगी |
इस परियोजना में एक ऐप भी विकसित किया जा रहा है जिससे डिजिटल भुगतान संभव होगा | एलपीजी की तुलना में रियायती दर पर बायोगैस कीआपूर्ति साफ एनर्जी द्वारा की जाएगी | साफ एनर्जी ने गाँव के 120 घरों के लिए शुरुआती स्थापित करने में लागत पूरा खर्च वहन किया है| इस परियोजना में किसानों से कोई निवेश अथवा पंजीकरण शुल्क नहीं लिया गया है| इस अभिनव परियोजना से ग्रामीणों को न केवल बायोगैस के माध्यम से धुआँ मुक्त रसोई मिलेगी बल्कि खाना पकाने के लिये एलपीजी की तुलना में सस्ता और सुरक्षित ईंधन भी मिलेगा | उन्हें अतिरिक्त गोबर के कुशल निष्पादन में मदद तो मिलेगी ही, साथ ही साथ बायोगैस स्लरी एवं बायोगैस स्लरी से बने जैविक खाद के उपयोग से कृषि में भी लाभ लेना संभव होगा |