उत्तर प्रदेश सरकार मौजूदा गर्मी के मौसम में कोयले की सुचारू रूप से आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए की सूची तैयार कर रही है, जहां पारा पहले से ही 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है । गर्मी के महीनों के दौरान घरेलू बिजली संयंत्रों के पीक लोड को पूरा करने के लिए कोयले की मांग में तेज हो जाती है ।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा थर्मल पावर इकाइयों को प्राथमिकता देने के लिए औद्योगिक उपभोक्ताओं को सप्लाई को प्रतिबंधित करने की खबरें हैं,जो पहले से ही कम कोयले के स्टॉक पर काम चल रही हैं । इसके अलावा रूस-यूक्रेन संघर्ष चलते लगाए व्यापक आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रूस से कोयले के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के कदम के बाद एशिया में कोयले की कीमतें बढ़ रही हैं । उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग पहले ही प्रतिदिन 21,000 मेगावाट से अधिक हो गई है, जो कि अप्रैल महीने के लिए एक रिकॉर्ड है ।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा संचालित राज्य ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कोयले का पर्याप्त भंडार बनाने के लिए कदम उठाएं। निगम अनपरा, ओबरा, परिछा और हरदुआगंज में ताप विद्युत निगम इकाइयां संचालित करता है। सरकार की कोशिश है कि इन इकाइयों पर कोयले की कमी के चलते कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय कोयला सचिव से राज्य को पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है, वही रेल मंत्री से प्रतिदिन 12 कोयला रैक भेजने का आग्रह किया गया है। पिछले साल भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीआईएल से पर्याप्त कोयला आपूर्ति की मांग की थी। साल 2021 के अक्टूबर में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के बिजली संयंत्रों को चलाने की जरूरत के अनुसार कोयला का आवंटन नहीं मिल रहा है ।
कोयले की कमी के कारण उत्तर प्रदेश में कुछ राज्य ताप विद्युत इकाइयों को बंद करना पड़ा था। राज्य की बिजली कमी को पूरा करने के लिए राज्य को अतिरिक्त ऊर्जा खरीदने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था।
भारत सबसे बड़े कोयला आयातकों में से एक है। यह मुख्य रूप से इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका से आयात करता है।