पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर पहुंच गया है। यहां करीब 12 फीसदी एथेनॉल की पेट्रोल में मिलावट कर बिक्री की जा रही है। वैसे एथेनॉल ब्लेंडिंग का राष्ट्रीय औसत 11.59 फीसदी है। ब्लेंडिंग के मामले में सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) पहले नंबर पर है जो 11.63 फीसदी ब्लेडिंग कर रही है। केंद्र सरकार ने ई20 के तहत 2025-26 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 10.16 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत सालाना होगी। जबकि इस अवधि तक कुल जरूरत 13.5 अरब लीटर सालाना होगी।
एथेनॉल ब्लेंडिंग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 (दिसंबर-नवंबर) के लिए 512.75 करोड़ लीटर के सौदे किए गए हैं। 1 दिसंबर, 2022 से 16 अप्रैल, 2023 तक इसमें से कुल 208.72 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति हुई। इसमें से सबसे ज्यादा 31.5 करोड़ लीटर की आपूर्ति उत्तर प्रदेश को हुई है यानी प्रदेश में एथेनॉल ब्लेंडिंग का प्रतिशत सबसे ज्यादा 11.92 फीसदी रहा है। उत्तर प्रदेश में पूरे वर्ष की आपूर्ति के लिए 83.08 करोड़ लीटर के सौदे किए गए हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां पेट्रोल में 11.89 फीसदी एथेनॉल मिलाया जा रहा है। महाराष्ट्र को 67.02 करोड़ लीटर के सौदे के मुकाबले समीक्षाधीन अवधि तक 25.34 करोड़ लीटर की आपूर्ति हुई है।
इस मामले में तीसरे नंबर पर संयुक्त रूप से केरल और उत्तराखंड है जहां पेट्रोल में 11.86 फीसदी एथेनॉल की ब्लेंडिंग की जा रही है। हालांकि, सौदे और आपूर्ति के मामले में इनकी मात्रा कम है। केरल में जहां 21.22 करोड़ लीटर के सौदे के मुकाबले 9.83 करोड़ लीटर और उत्तराखंड में 3.46 करोड़ लीटर के सौदे की तुलना में 1.35 करोड़ लीटर की आपूर्ति हुई है। चौथे नंबर पर बिहार है जहां 11.84 फीसदी ब्लेंडिंग हो रही। जबकि पांचवें नंबर पर झारखंड और आंध्र प्रदेश है जहां 11.82 फीसदी ब्लेडिंग हो रही है।
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कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में एथेनॉल ब्लेंडिंग का प्रतिशत क्रमशः 11.75 फीसदी, 11.74 फीसदी और 11.71 फीसदी रहा है। इन राज्यों में एथेनॉल की आपूर्ति क्रमशः 14.87 करोड़, 21.17 करोड़ और 11.69 करोड़ लीटर रही है। कर्नाटक ने पूरे साल के लिए 30.68 करोड़ लीटर, तमिलनाडु ने 40.55 करोड़ लीटर और गुजरात ने 30.49 करोड़ लीटर की आपूर्ति के सौदे किए हैं।
जहां तक सरकारी तेल मार्किटिंग कंपनियों की बात है तो तीनों तेल कंपनियों में से सबसे ज्यादा एचपीसीएल 11.63 फीसदी ब्लेंडिंग कर रही है। बीपीसीएल 11.58 फीसदी और इंडियन ऑयल 11.56 फीसदी ब्लेंडिंग कर रही है। मगर सौदों और आपूर्ति के मामले में इंडियन ऑयल सबसे आगे है। इंडियन ऑयल ने पूरे एथेनॉल आपूर्ति वर्ष के लिए 233.47 करोड़ लीटर के सौदे किए हैं जिसके मुकाबले 16 अप्रैल, 2023 तक 98.36 करोड़ लीटर की आपूर्ति हुई है। बीपीसीएल को 147.43 करोड़ लीटर के सौदे के मुकाबले 56.66 करोड़ लीटर और एचपीसीएल को 131.85 करोड़ लीटर की तुलना में 53.7 करोड़ लीटर की आपूर्ति हुई है।
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समीक्षाधीन अवधि में गन्ना से सीधे 107.33 करोड़ लीटर एथेनॉल बनाया गया। जबकि बी-हैवी मोलेसिस से 64.72 करोड़ लीटर और सी-हैवी मोलेसिस से 2.68 करोड़ लीटर का उत्पादन किया गया। इस दौरान एथेनॉल उत्पादकों ने एफसीआई से मिले अतिरिक्त चावल से 27.96 करोड़ लीटर और खराब खाद्यानों से 6.02 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया।