पीएम-आरकेवीवाई और कृषोन्नति योजना को कैबिनेट की मंजूरी, एक लाख करोड़ से अधिक बजट

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) को 1,01,321.61 करोड़ रुपये के बजट से लागू करने का फैसला किया है। सरकार का यह कदम कृषि के समग्र विकास, जलवायु अनुकूलता, और किसानों की भलाई को प्रोत्साहित करेगा

केंद्र सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को दो प्रमुख योजनाओं—प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) के तहत युक्तिकरण कर संचालित करने का फैसला किया है। गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इस कदम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में समग्र और टिकाऊ विकास को प्रोत्साहित करना है। पीएम-आरकेवीवाई जहां टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगा, वहीं केवाई खाद्य सुरक्षा एवं कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पूरा करेगा। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को फैसला किया है कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को मिलाकर दो मुख्य योजनाएं बनाई जाएंगी: प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई)। इस कदम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में समग्र और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना है। पीएम-आरकेवीवाई टिकाऊ कृषि को समर्थन देगा, जबकि केवाई खाद्य सुरक्षा और कृषि में आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) को कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये के प्रस्तावित व्यय (बजट) के साथ लागू किया जाएगा। ये योजनाएं राज्य सरकारों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती हैं।

इन योजनाओं के युक्तिकरण से राज्यों को अपने कृषि क्षेत्र के लिए एक व्यापक योजना बनाने का मौका मिलेगा। यह योजना फसलों के उत्पादन और उनकी गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ जलवायु के अनुकूल कृषि और कृषि उत्पादों की मूल्य श्रृंखला से जुड़ी नई समस्याओं का समाधान भी करेगी। इन योजनाओं का उद्देश्य एक स्पष्ट रणनीति बनाना है, जो विभिन्न लक्ष्यों और कार्यक्रमों को समझाने में मदद करे।

इन योजनाओं के युक्तिकरण का कार्य इसलिए किया गया है ताकि दोहराव से बचा जा सके और राज्यों में सामंजस्य सुनिश्चित किया जा सके। यह कदम कृषि की उभरती चुनौतियों जैसे पोषण सुरक्षा, स्थिरता, जलवायु के अनुकूल विकास, मूल्य श्रृंखला का निर्माण, और निजी क्षेत्र की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उठाया गया है। इसके साथ ही, इस युक्तिकरण से राज्य सरकारों को अपने कृषि क्षेत्र के लिए अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप एक व्यापक रणनीतिक योजना बनाने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, राज्यों की वार्षिक कार्य योजना को अब अलग-अलग योजना के लिए मंजूरी देने के बजाय एक बार में मंजूर किया जा सकेगा, जिससे प्रक्रिया में तेजी आएगी और कार्यान्वयन में सुधार होगा।

कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये के प्रस्तावित व्यय में से कृषि और किसान कल्याण विभाग का केंद्रीय हिस्सा 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये होगा। इसमें आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और केवाई के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये शामिल हैं।

पीएम-आरकेवीवाई में शामिल योजनाएं

  • मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन
  • वर्षा आधारित क्षेत्र विकास
  • कृषि वानिकी
  • परम्परागत कृषि विकास योजना
  • फसल अवशेष प्रबंधन सहित कृषि यंत्रीकरण
  • प्रति बूंद अधिक फसल
  • फसल विविधीकरण कार्यक्रम
  • आरकेवीवाई डीपीआर घटक
  • कृषि स्टार्टअप के लिए त्वरक निधि