दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में टमाटर के दाम 100 रुपये प्रति किलो को पार कर गये हैं। एक महीने के भीतर टमाटर की कीमतों में 66 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जहां बाजार में टमाटर 80 से 100 रुपये किलो के दाम पर मिल हैं वहीं ऑनलाइन रिटेल स्टोर्स जियो मार्ट, इंस्टामार्ट और ब्लिंकिट पर टमाटर 96 रुपये से 109 रुपये किलो तक बिक रहा है। हालांकि, टमाटर की बढ़ी कीमतों का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच रहा है और उन्हें इस कीमत का करीब 40 फीसदी दाम ही मिल रहा है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग की प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के मुताबिक, देश में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 67.5 रुपये किलो है, जबकि एक महीने पहले यह 42.99 रुपये किलो थी। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भी टमाटर की खुदरा कीमतें 59 फीसदी तक बढ़ी हैं। जबकि बाजार में एक महीने पहले तक 50 से 60 रुपये प्रति किलो में बिकने वाला टमाटर अब 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
टमाटर की कीमतें बढ़ने के पीछे बारिश बड़ी वजह है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के चलते टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिससे उत्पादन में कमी आई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में टमाटर का सीजन अब खत्म हो गया है, जिससे इन राज्यों से सप्लाई में कमी आई है।
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष और महाराष्ट्र की नासिक मंडी के बड़े कारोबारी श्रीराम गाढवे ने रूरल वॉयस को बताया कि बारिश के चलते कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिससे कीमतों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे उत्तर भारत में टमाटर की सप्लाई प्रभावित हुई है और वहां कीमतें महाराष्ट्र और दक्षिण भारत की तुलना में ज्यादा हैं। वहां टमाटर 100 रुपये किलो तक बिक रहा है। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन महीनों तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। जनवरी-फरवरी में नई फसल आने के बाद कीमतों में गिरावट की उम्मीद है।
बाजार में भले ही टमाटर की कीमतें 80 से 100 रुपये तक पहुंच गई हों, लेकिन किसानों को इसका आधा ही दाम मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश की सोलन मंडी में टमाटर के थोक दाम 1000 से 1500 रुपये प्रति क्रेट (करीब 25 किलो) तक पहुंच गए हैं। सोलन मंडी के आढ़ती सतीश कौशल ने रूरल वॉयस बताया कि टमाटर की कीमतों में एक बार फिर तेजी आई है। मंडी में हाइब्रिड टमाटर 1000 से 1200 रुपये प्रति क्रेट और हिमसोना व देसी टमाटर 1500 रुपये प्रति क्रेट तक बिक रहे हैं। हालांकि, किसानों का कहना है कि कीमतें तो हर साल बढ़ती हैं, लेकिन बिचौलियों की वजह से उन्हें कीमतें बढ़ने का पूरा फायदा नहीं हो पाता। कीमतें बढ़ने से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिलती है, लेकिन यह केवल कुछ ही महीनों के लिए होता है।
उधर, टमाटर की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए के केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री करवा रही है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) दिल्ली समेत एनसीआर के अन्य शहरों में 65 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर बेच रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मंडियों में लगातार अच्छी मात्रा में आवक के बावजूद हाल के हफ्तों में टमाटर की खुदरा कीमत में अनुचित वृद्धि हुई है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश और उच्च आर्द्रता के कारण टमाटर फसल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। सप्लाई बाधित होने से टमाटर की कीमतों में तेज उछाल आया है।