सितंबर के अंत में समाप्त हो रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को सरकार ने अक्टूबर माह से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।यह योजना अप्रैल 2020 में कोविड काल के दौरान शुरू की गई थी। इसे कई चरणों में बढ़ोतरी के बाद मार्च 2022 में इस योजना को छह महीने के लिए सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया था। अब सातवें चरण में सरकार ने इस योजना को दिसम्बर 2022 तक बढ़ा दिया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, योजना को तीन महीने के लिए बढ़ाने से करीब 44762 हजार करोड़ रुपये का बोझ आएगा। सभी चरणो का कुल व्यय 3.91 लाख रुपये हो जाएगा। पीएमजीकेएवाई के 7वें चरण के लिए खाद्यान्नों के मामले में कुल आवंटन लगभग 122 लाख टन रहने की संभावना है। चरण 1 से 7 तक खाद्यान्नों का कुल आवंटन लगभग 11.21 करोड़ टन टन है।
बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिये गये फैसले के बाद जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को आने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, मिलाद-उन-नबी, दीपावली, छठ पूजा, गुरुनानक देव जयंती, क्रिसमस, इत्यादि के लिए जरूरी सहायता दी जा सके।
बयान के मुताबिक पीएमजीकेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य योजना है। इसके लिए सरकार के पास पर्याप्त अनाज भंडार है। इसके लिए सरकार ने स्टॉक की स्थिति की भी समीक्षा की। सरकार की ओर से इस योजना पर अब तक 3.40 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. ऐसे में अगर इस योजना को आगे बढ़ाया जाता है तो इसका सीधा फायदा राशन कार्ड धारकों को होगा।
सरकार की इस योजना से करीब 80 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह योजना मार्च 2022 में समाप्त होनी थी। फिर इसे बढ़ाकर सितंबर कर दिया गया। सरकार के फैसले के बाद यह योजना दिसंबर तक जारी रहेगी। इस योजना के तहत सभी राशन कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज मिलता है। यह अनाज राशन कार्ड पर हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग है। यह राशन उसी राशन की दुकान से मिलता है जहां से आप राशन कार्ड धारक अनाज खरीदते रहे हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत वर्ष 2020 में कोरोना काल में उत्पन्न संकट को देखते हुए की गई थी। इस योजना के तहत राशन लाइन के तहत आने वाले लोगों को प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन प्रदान किया जाता है।