किसानों के लिए संस्था निर्माण पर केंद्रित होगा “रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव 2024”

रूरल वॉयस की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आगामी 23 दिसंबर को किसान दिवस पर "रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नैकॉफ अवॉर्ड्स 2024" का आयोजन किया जाएगा। इस साल के सम्मेलन की थीम “किसानों के लिए संस्था निर्माण” है जिसमें कृषि से जुड़े विशेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्योग और किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे।

किसानों और ग्रामीण भारत की समृद्धि को समर्पित मीडिया प्लेटफार्म रूरल वॉयस अपनी स्थापना के पांचवें साल में प्रवेश करने जा रहा है। इस अवसर पर आगामी 23 दिसंबर को किसान दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थिति इंडिया हैबिटेट सेंटर में चौथे रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नैकॉफ अवॉर्ड्स 2024 का आयोजन किया जाएगा। इस साल के समारोह की थीम “किसानों के लिए संस्था निर्माण” है। 

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन विभाग की सचिव अलका उपाध्याय, इफको के प्रबंध निदेश डॉ. यूएस अवस्थी, कृभको के चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी, पूर्व सांसद एवं बिहार के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार केसी त्यागी के अलावा देश भर से किसान शामिल होंगे। 

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रूरल वॉयस के एडिटर-इन-चीफ हरवीर सिंह ने बताया कि देश के किसानों और ग्रामीण भारत पर केंद्रित मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पांचवे वर्ष में प्रवेश करना रूरल वॉयस के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव है। चार साल पहले कृषि नीतियों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, नई तकनीक, नवाचार और किसानों से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के लिए रूरल वॉयस मीडिया प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई थी। तब से प्रति वर्ष 23 दिसंबर को रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड अवॉर्ड्स का आयोजन किया जाता है। सम्मेलन में विभिन्न कृषि विशेषज्ञ, नीति निर्माता, बिजनेस लीडर और किसान प्रतिनिधि “किसानों के लिए संस्था निर्माण” विषय से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखेंगे।

इस अवसर पर कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसान, सहकारी संस्था, निजी क्षेत्र की संस्था और सार्वजनिक संस्थान को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही रूरल वर्ल्ड पत्रिका की वेबसाइट और नवीनतम अंक का विमोचन भी होगा।  

रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव का पहला सत्र “अगली पीढ़ी की कृषि के लिए, अगली पीढ़ी की सहकारी संस्थाओं” पर केंद्रित होगा। इसमें कृभको के चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह, कोऑपरेटिव इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन देवेंद्र कुमार सिंह, अमूल के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता, नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाईकनवरे और एनसीईएल के प्रबंध निदेशक अनुपम कौशिक परिचर्चा में शामिल होंगे। 

सम्मेलन के दूसरे सत्र में “निजी क्षेत्र: किसानों की भागीदारी” पर चर्चा होगी। इस सत्र में सवन्ना सीड प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ व एमडी अजय राणा, एग्रोकॉर्प इंडिया ट्रेड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेउ के सीओओ राजीव यादव, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमएसीएक्स) के वाइस प्रेसिडेंड (बिजनेस डेवलपमेंट) संजय गाखर शामिल होंगे।  

सम्मेलन के तीसरा सत्र में पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन, पूर्व आईएएस संदीप कुमार नायक, भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के पूर्व निदेशक डॉ. ए.के. सिंह “किसानों के लिए सार्वजनिक संस्थानों” के विषय में अपने अनुभव साझा करेंगे।

सम्मेलन का चौथा सत्र “किसानों के लिए संस्थाओं के विकास में सहायक नीतिगत वातावरण” पर केंद्रित रहेगा। इसमें केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, पूर्व कृषि एवं खाद्य सचिव टी. नंद कुमार, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी और सहकार भारतीय के चीफ पेट्रर्न डॉ. डीएन ठाकुर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

आयोजन के समापन सत्र को उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के अलावा केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन विभाग की सचिव अलका उपाध्याय, इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी, पूर्व सांसद व बिहार के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार केसी त्यागी संबोधित करेंगे। सम्मेलन में किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें बाजार मुहैया कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायक संस्थाओं के निर्माण और उन्हें सशक्त बनाने पर मंथन होगा।