केंद्र सरकार ने सोयाबीन खरीद में नमी की मात्रा के मापदंड के बदलाव किया है। सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन (2024-25) के दौरान प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के तहत 15 फीसदी तक नमी वाले सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दे दी है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सोयाबीन खरीद के लिए 12 फीसदी तक नमी का मानक तय किया था, जिसे अब बढ़कर 15 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सोयाबीन में नमी की मात्रा 15 प्रतिशत होने पर भी उसकी खरीद की जाएगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। डिप्टी कमिश्नर (एमपीएस) बिनोद गिरी द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि विभाग को 15 फीसदी तक नमी की मात्रा वाले सोयाबीन की खरीद करने में कोई आपत्ति नहीं है। केंद्र सरकार सिर्फ 12 फीसदी तक नमी वाले सोयाबीन के लिए किसानों को भुगतान करेगी। सामान्य नमी सीमा से अधिक सोयाबीन की खरीद से जुड़े खर्च और नुकसान राज्य सरकारें खुद वहन करेंगी। यह छूट सिर्फ खरीफ सीजन 2024-25 के लिए दी गई है।
बता दें कि महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच सोयाबीन की धीमी खरीद और नमी की मात्र के मापदंड के चलते किसानों में काफी नाराजगी है। किसानों का कहना है कि सरकारी खरीद केंद्रों पर नमी की मात्रा अधिक बताकर उनसे खरीद नहीं की जा रही, जिससे उन्हें निजी व्यापारियों को 300 से 400 रुपये कम दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। महाराष्ट्र की मंडियों में किसानों को सोयाबीन का औसत दाम 3800 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है जबिक केंद्र सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
किसानों की इस नाराजगी का असर राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर न पड़े इसके लिए केंद्र सरकार ने नमी की मात्र के मापदंड में बदलाव किया है। महाराष्ट्र में सोयाबीन की धीमी खरीद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में 15 अक्टूबर से सोयाबीन की सरकारी खरीद शुरू हुई थी लेकिन अब तक सिर्फ 3,887.93 टन सोयाबीन की खरीद हो पाई है जबकि राज्य सरकार ने 13.08 लाख टन सोयाबीन खरीद का लक्ष्य तय किया है।