एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने जूस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के बाद सरकार चीनी उद्योग की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास कर रही है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाने पर अस्थायी रोक लगाई गई है और इस फैसले की निरंतर समीक्षा की जाएगी। सरकार चीनी उत्पादन के आंकड़ों पर नजर बनाए हुए है।
कमजोर मानसून के कारण इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट का अनुमान है जिससे चीनी उत्पादन में कमी आ सकती है। इसी के मद्देदेनजर केंद्र सरकार ने गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि, 'बी-मोलासेज' यानी शीरे से एथेनॉल उत्पादन जारी रहेगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य चीनी की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करना है। ताकी अगले पेराई सत्र तक चीनी का पर्याप्त स्टॉक रहे।
एथेनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल मिश्रण के लिए होता है। भारत सरकार ने साल 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। लेकिन गन्ने के जूस से एथेनॉल उत्पादन पर रोक के फैसले से एथेनॉल मिश्रण के कार्यक्रम को लेकर कई आशंकाएं जताई जा रही हैं।
शुक्रवार को एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने दावा किया था कि गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध से एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार के पास बी और सी-हैवी मोलासेज, खराब चावल और मक्का से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना है। सरकार 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
2022-23 आपूर्ति वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) में 12 फीसदी एथेनॉल मिश्रण किया गया था। चालू वर्ष में एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य 15 प्रतिशत है जिसके लिए 690 लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी। तेल कंपनियों ने इस आपूर्ति वर्ष के लिए 500 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति के लिए निविदाएं प्राप्त कर ली हैं। पेट्रोलियम और खाद्य सचिवों ने स्पष्ट किया था कि तेल कंपनियों द्वारा प्राप्त मौजूदा प्रस्तावों के लिए बी-हैवी मोलासेज से एथेनॉल बनाने की अनुमति दी जाएगी। तेल कंपनियों ने पहले चक्र के लिए बी-हैवी मोलासेज की आपूर्ति के लिए बोलियां सुरक्षित कर ली हैं। जब दूसरे चक्र के लिए बोलियां मांगी जाएंगी, तब तक चीनी उत्पादन की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
इस साल कमजोर मानसून के कारण देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक के गन्ना उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, गन्ने का उत्पादन 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 494.2 मिलियन टन के मुकाबले कम होकर 434.8 मिलियन टन रहेगा। 2023-24 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 32.3 - 33 मिलियन टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जबकि पिछले सीजन में यह 37.3 मिलियन टन था।