चाय के उत्पादन में इस साल जुलाई में गिरावट दर्ज की गई है। चाय बोर्ड के प्रोविजनल आकलन के अनुसार, जुलाई 2024 में चाय का उत्पादन 14.39 फीसदी घटकर 1468.4 लाख किलोग्राम रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 1715.5 लाख किलोग्राम था। इस गिरावट का मुख्य कारण असम और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख चाय उत्पादक राज्यों में उत्पादन में आई कमी है।
देश के सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य असम में जुलाई 2024 में चाय का उत्पादन 15.53 फीसदी की गिरावट के साथ 783 लाख किलोग्राम पर आ गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 927 लाख किलोग्राम था। असम घाटी में 734.1 लाख किलोग्राम उत्पादन हुआ, जो पिछले साल 874.1 लाख किलोग्राम था। कछार में उत्पादन घटकर 48.9 लाख किलोग्राम रह गया, जो पिछले साल 52.9 लाख किलोग्राम था।
पश्चिम बंगाल में भी चाय के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। यहां जुलाई 2024 में उत्पादन 21.44 फीसदी की गिरावट के साथ 415.9 लाख किलोग्राम पर आ गया, जबकि पिछले साल यह 529.5 लाख किलोग्राम था। पश्चिम बंगाल के दुआर्स क्षेत्र में उत्पादन 230.1 लाख किलोग्राम, तराई क्षेत्र में 176.8 लाख किलोग्राम, और दार्जिलिंग में 9 लाख किलोग्राम रहा। तीनों क्षेत्रों में उत्पादन पिछले साल से कम है।
उत्तर भारत में चाय उत्पादन में 17.41 फीसदी गिरावट दर्ज की गई, जो जुलाई 2024 में 1241.6 लाख किलोग्राम रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 1503.4 लाख किलोग्राम थी।
इसके विपरीत, दक्षिण भारत में चाय उत्पादन में 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। जुलाई 2024 में दक्षिण भारत में 226.8 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ, जो पिछले साल 211.9 लाख किलोग्राम था। तमिलनाडु में 182.1 लाख किलोग्राम, केरल में 42.4 लाख किलोग्राम और कर्नाटक में 2.3 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ। तीन राज्यों में चाय का उत्पादन बढ़ा है।
भारतीय चाय संघ (आईटीए) के महासचिव अरिजीत राहा ने जुलाई में चाय के उत्पादन में गिरावट के लिए जलवायु को बजह बताया है। उन्होंने कहा कि जुलाई में असमान बारिश के पैटर्न ने उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि कुल मिलाकर गिरावट मुख्य रूप से असम और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख राज्यों में कम उत्पादन के कारण हुई है।