वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2047 तक विकसित भारत बनाने का विजन सामने रखा। उन्होंने सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास पर जोर दिया। जुलाई में पूर्ण बजट के दौरान सरकार विकसित भारत का विस्तृत रोडमैप पेश करेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत केंद्र सरकार तीन करोड़ मकान बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के करीब है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आवास की जरूरतों को देखते हुए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ मकान और बनाए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ नए आवास बनाने का ऐलान लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। मोदी सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) और विकास योजनाओं के जरिए लाभार्थी वर्ग को साधने का प्रयास कर रही है। सरकार मध्य वर्ग के लिए भी नई आवास योजना शुरू करेगी। वित्त मंत्री
तीन करोड़ लखपति दीदी
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सरकार लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद कर चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओं वाले 83 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। इस सफलता से प्रेरणा लेते हुए लखपति दीदी का लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ किया गया है।
एक करोड़ परिवारों को रूफटॉप सोलर
रूफटॉप सोलर के माध्यम से सरकार देश के एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दिलाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा के दिन इस योजना का ऐलान किया था। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस योजना जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुफ्त सौर बिजली प्राप्त करने और सरप्लस बिजली वितरण कंपनियों को बेचने से परिवारों को सालाना पंद्रह से अठारह हजार रुपये तक की बचत होगी।
ग्रामीण विकास का बजट बढ़ाया
केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट पिछले साल के 1.57 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 के लिए 1.77 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जो लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि है। हालांकि, 1.71 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में यह करीब तीन प्रतिशत अधिक है।
मनरेगा योजना के लिए 86,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। पिछली बार के बजट में मनरेगा को 60,000 करोड़ रुपये का बजट मिला था जिसे संशोधित अनुमानों में बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया था।