चालू पेराई सीजन (2023-24) में एक अक्तूबर से 15 दिसंबर, 2023 तक देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 11 फीसदी घटकर 74.05 लाख टन रहा है। चीनी उद्योग के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा जारी इन आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन घटने के चलते यह गिरावट आई है।
इस्मा के मुताबिक पिछले सीजन (2022-23) में इसी अवधि में चीनी उत्पादन 82.95 लाख टन रहा था जो इस साल घटकर 74.05 लाख टन रह गया है। चीनी उत्पादन सीजन अक्तूबर से सितंबर के दौरान रहता है। चीनी उत्पादन कर रही चीनी मिलों की संख्या 497 बनी हुई है। इस्मा के मुताबिक इस साल कर्नाटक और महाराष्ट्र में चीनी मिलों में उत्पादन 10 से 15 दिन देरी से शुरू हुआ है। इस्मा के मुताबिक उत्तरप्रदेश में चीनी उत्पादन पिछले साल से अधिक रहा है। पिछले साल 15 दिसंबर तक वहां 20.26 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था जबकि चालू पेराई सीजन में 15 दिसंबर तक 22.11 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
कर्नाटक में चीनी उत्पादन पिछलेसीजन के 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन रहा है जबकि इस सीजन में 15 दिसंबर तक महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन पिछले साल के 33.02 लाख टन से घटकर 25.45 लाख टन रहा है।
पिछले सीजन का बकाया स्टाक 56 लाख टन था। जबकि चालू सीजन में चीनी उत्पादन के घटकर 290 लाख टन के करीब रहने का अनुमान है। इसके चलते सरकार ने पिछले सप्ताह गन्ने से जूस से सीधे एथेनॉल बनाने पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था। इसे बाद में संशोधित करज 17 लाख टन चीनी को एथेननॉल में तब्दील करने की छूट दे दी है।
उत्पादन में कमी के चलते सरकार घरेलू बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठा चुकी है। सरकार ने चालू सीजन के लिए चीनी निर्यात कोटा जारी नहीं किया है और चीनी निर्यात को प्रतिबंधित सूची में डाल रखा है जिसकी अवधि को 31 अक्तूबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया था।