मौजूदा सीजन में 15 मार्च तक देश की चीनी मिलों ने 283.26 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल इस अवधि में 259.37 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। इस तरह इस वर्ष 15 मार्च तक 23.89 लाख टन अधिक चीनी का उत्पादन हुआ है। गुरुवार को चीनी मिलों के संगठन इस्मा की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
मौजूदा सीजन में अभी तक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 108.95 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि में राज्य में 94.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेश की 120 मिलों ने अब तक 78 33 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। यह पिछले वर्ष के 84.25 लाख टन की तुलना में लगभग 6 लाख टन कम है। कर्नाटक में अब तक 54.65 लाख टन, गुजरात में 9.15 लाख टन और तमिलनाडु में 5.75 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। बाकी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उड़ीसा में चीनी मिलों ने 15 मार्च तक 26.43 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।
2021-22 के सीजन में पिछले साल से 13 अधिक यानी कुल 516 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई हुई। 15 मार्च तक 81 मिलों में पेराई बंद हो चुकी थी और 435 मिलों में जारी थी। पिछले वर्ष इस अवधि में 172 मिलों में पेराई बंद हो चुकी थी और सिर्फ 331 में जारी थी। महाराष्ट्र में इस सीजन में 13 मिलों में पेराई का काम पूरा हो चुका है और 184 में अभी जारी है। पिछले वर्ष इस तारीख तक 49 मिलों में पेराई पूरी हो चुकी थी और 140 में जारी थी। उत्तर प्रदेश इस समय 104 मिलों में पेराई जारी है।
एथनॉल की बात करें तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के 416.33 करोड़ लीटर के ऑर्डर की तुलना में 13 मार्च तक 113.17 करोड़ लीटर एथनॉल की सप्लाई की गई है। दिसंबर 2021 से मार्च के मध्य तक ईंधन में एथनॉल की ब्लेंडिंग 9.45 फ़ीसदी रही है।
अभी तक 64 से 65 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हुए हैं। इसमें से फरवरी 2022 तक 47 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। पिछले वर्ष इस अवधि में 17.75 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था। इस महीने के अंत तक 55 से 56 लाख टन चीनी का निर्यात हो जाने की संभावना है। मौजूदा सीजन में चीनी उद्योग के 75 लाख टन चीनी निर्यात करने की संभावना है जो रिकॉर्ड होगा।
देश में 272 लाख टन खपत और 333 लाख टन उत्पादन के अनुमान को देखते हुए 75 लाख टन चीनी निर्यात के बाद 30 सितंबर 2022 को 68 लाख टन चीनी का क्लोजिंग स्टॉक रहने की संभावना है। तीन साल पहले यानी 30 नवंबर 2019 को 145 लाख टन का क्लोजिंग स्टॉक था।