चालू घरेलू चीनी सीजन 2021-22 के लिए चीनी निर्यात अनुबंध रिकॉर्ड एक करोड़ टन के करीब पहुंच गया है। भारतीय चीनी मिल एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार अब तक लगभग 95 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे किए जा चुके हैं, जिनमें से मई 2022 के अंत तक 86 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है। हाल ही में केंद्र ने मौजूदा सीजन में चीनी निर्यात की सीमा एक करोड़ टन पर सीमित कर दी है।
इस बीच, इस्मा जून 2022 के उत्तरार्ध में पूरे भारत में गन्ना क्षेत्र की सैटेलाइट तस्वीरें लेगा ताकि अगले सीजन (2022-23) के लिए उपलब्ध रकबे का अंदाजा लगाया जा सके। बाद में एसोसिएशन 2022-23 चीनी सीजन के लिए गन्ने की उपलब्धता और चीनी उत्पादन का प्रारंभिक अनुमान लगाएगी।
पिछले साल के 506 मिलों की तुलना में चालू सीजन 2021-22 में कुल 522 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई हुई। पिछले वर्ष इसी अवधि में 307 लाख टन के मुकाबले इस साल अब तक 352 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। लगभग 493 मिलों ने पेराई बंद कर दी है। अभी जिन मिलों में पेराई चल रही है उनमें अधिकांश महाराष्ट्र में स्थित हैं।
तमिलनाडु और कर्नाटक में विशेष पेराई सत्र अभी चल रहा है, इन राज्यों में और 6 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है। करीब 34 लाख टन चीनी एथेनॉल के लिए डायवर्जन के बाद इस्मा ने 2021-22 के लिए अपने चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 360 लाख टन कर दिया है।पिछले साल भारत में 311.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था और 20 लाख टन का डायवर्जन एथेनॉल के लिए हुआ था। इस बीच, अप्रैल 2022 के अंत तक घरेलू चीनी की बिक्री पिछले वर्ष की इसी अवधि में 152.6 लाख टन के मुकाबले 160 लाख टन होने का अनुमान है।
केंद्र की तरफ से जून 2022 तक जारी घरेलू चीनी बिक्री का कोटा पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 5.5 लाख टन अधिक है। इसलिए इस्मा ने चालू सीजन में घरेलू चीनी की खपत पिछले साल के 265.5 लाख टन के मुकाबले 275 लाख टन होने का अनुमान लगाया है।1 अक्टूबर 2021 को लगभग 82 लाख टन का शुरुआती स्टॉक था। उसके बाद 275 लाख टन की घरेलू खपत, एक करोड़ टन के निर्यात और 360 लाख टन अनुमानित चीनी उत्पादन को ध्यान में रखते हुए 30 सितंबर 2022 को क्लोजिंग स्टॉक 67 लाख टन रहने की उम्मीद है। यह तीन महीने की घरेलू खपत के लिए पर्याप्त होगा।