किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी कमर कस ली है। गुरुवार को चंडीगढ़ में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसानों के दमन की निंदा करते हुए देश भर में विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया। आज एसकेएम की ओर से काला दिवस मनाया जाएगा जबकि 26 ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की गई है। 14 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत होगी।
एसकेएम की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले युवा किसान शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। एसकेएम ने प्रदर्शनकारी किसानों के गंभीर दमन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की। साथ ही पंजाब सरकार से हरियाणा पुलिस के खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज करने तथा गोलीबारी व ट्रैक्टरों को हुए नुकसान की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की। एसकेएम ने शोक संतप्त परिवार को मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये और क्षतिग्रस्त 100 ट्रैक्टरों की मरम्मत के खर्च की भी मांग की है।
बैठक में शामिल भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने रूरल वॉयस को बताया कि एसकेएम की बैठक में किसान संगठनों को एकजुट करने और पुराने सदस्यों के साथ समन्वय के लिए छह सदस्यीय समिति बनाने का निर्णय लिया। समिति में किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल, युद्धवीर सिंह, दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला और रमिंदर पटियाला शामिल हैं। एसकेएम का हिस्सा रहे संगठनों को फिर से साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है ताकि किसानों के संघर्ष को मजबूती दी जा सके।
एसकेएम ने 23 फरवरी को विरोध-प्रदर्शन कर काला दिवस/आक्रोश दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है। 26 फरवरी को डब्ल्यूटीओ छोड़ो दिवस के रूप में मनाया जाएगा। एसकेएम ने देश के किसानों से अपील किया है कि वे डब्ल्यूटीओ छोड़ने की मांग और सरकार की नीति का विरोध करने के लिए यातायात को अवरुद्ध किए बिना राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर मार्च करें और अपने ट्रैक्टरों को खड़ा करें।
एसकेएम ने 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है। चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, हरियाणा, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के 100 से अधिक सदस्य प्रतिनिधि शामिल हुए।