वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट को किसान संगठनों ने कॉरपोरेट समर्थक और किसान विरोधी करार दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा रखे गए प्रस्ताव को कृषि, रोजगार सृजन और विकास के लिए खतरनाक बताया। एसकेएम की ओर से जारी बयान के अनुसार, अंतरिम बजट के प्रस्ताव कृषि क्षेत्र को घरेलू और विदेशी कॉरपोरेट घराने को एक थाली में परोसने के अलावा और कुछ नहीं है।
अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फसल कटाई के बाद की गतिविधियों जैसे स्टोरेज, सप्लाई चेन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने की बात कही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे देश की आत्मनिर्भरता व खाद्य सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, एकाधिकार वाले कॉरपोरेट घरानों को फसल कटाई के बाद के कार्यों को अपने हाथ में लेने की अनुमति देना तीन काले कृषि कानूनों की पिछले दरवाजे से एंट्री के समान है, जिन्हें किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के कारण सरकार को रद्द करना पड़ा था। एसकेएम इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करेगा और सुनिश्चित करेगा कि यह प्रस्ताव लागू ना किया जाए।
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ की नीति के तहत "विदेशी साझेदार" के साथ द्विपक्षीय निवेश संधियों को लेकर बातचीत करने की बात कही है। इस प्रस्ताव पर आपत्ति व्यक्त करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह एक संप्रभु देश के रूप में भारत की स्थिति को कमजोर करता है। वित्त मंत्री को यह बताना चाहिए कि ये "विदेशी साझेदार" कौन हैं।
एसकेएम ने सी2+50% फार्मूले के आधार पर एमएसपी के बारे में बजट घोषणा ना किए जाने को किसानों के साथ विश्वासघात करार दिया है। बजट में रोजगार, न्यूनतम वेतन और एमएसपी के आश्वासन, ऋण माफी और महंगाई कम करने के लिए पर्याप्त आवंटन ना होने पर निराशा जाहिर की।
संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसानों से 3 फरवरी 2024 को ग्राम स्तर पर कॉरपोरेट समर्थक बजट की प्रतियां जलाने की अपील की है और देश भर के लोगों से 16 फरवरी 2024 को ग्रामीण बंद एवं औद्योगिक/सेक्टोरल हड़ताल सफल बनाने का आह्वान किया।