ग्रामीण विकास: नहीं बढ़ा मनरेगा का बजट, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बजट घटा

वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया।

संसद में वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे।

ग्रामीण विकास विभाग का बजट गत वर्ष के संशोधित अनुमान 1.71 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.77 करोड़ रुपये किया गया है। लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के बजट में गत वर्ष के संशोधित अनुमान 86 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस साल भी मनरेगा के लिए 86 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। जबकि 2022-23 में मनरेगा का बजट 90.8 हजार करोड़ रुपये था जिसे घटाकर 2023-24 में 60 हजार करोड़ रुपये कर दिया था।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चौथा चरण, लेकिन बजट घटा  

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण की शुरुआत की घोषणा करते वित्त मंत्री ने कहा कि 25 हजार ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। हालांकि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बजट पिछले साल 19 हजार करोड़ रुपये के बजट अनुमान से करीब 37 फीसदी घटाकर इस साल 12 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया है। यह गत वर्ष पीएमजीएसवाई के संशोधित अनुमान 17 हजार करोड़ रुपये से भी कम है।

तीन करोड़ अतिरिक्त आवास 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे। बजट में पीएम आवास योजना-ग्रामीण का बजट पिछले साल के बजट अनुमान के लगभग बराबर 54,500 करोड़ रुपये रखा गया है। हालांकि, यह गत वर्ष के संशोधित अनुमान 32 हजार करोड़ रुपये से करीब 70 फीसदी अधिक है। 

भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण

बजट में भूमि से संबंधित कई सुधारों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या या 'भू-आधार' भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इन भूमि सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। अगले तीन वर्षों में इन सुधारों को पूरा करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता दी जाएगी।