सहकारी क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये के व्यय वाली विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना लागू होगी

केंद्रीय मंत्रिमंडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विकेंद्रित अन्न भंडारण योजना के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को मंजूरी दे दी। यह समिति विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना के कार्यान्वयन पर काम करेगी। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे

केंद्रीय मंत्रिमंडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विकेंद्रित अन्न भंडारण योजना के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को मंजूरी दे दी। यह समिति विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना के कार्यान्वयन पर काम करेगी। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

योजना का प्रोफेशनल तरीके से समयबद्ध और एकरूपता के साथ कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्‍न राज्‍यों/संघराज्‍य क्षेत्रों में कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट, इस योजना की विभिन्‍न क्षेत्रीय आवश्‍यकताओं के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसे इस योजना के देशव्‍यापी कार्यान्‍वयन में शामिल किया जाएगा।

मंज़ूर व्‍यय और निर्धारित लक्ष्‍यों के भीतर चुने गए ‘वायबल’ प्राथमि‍क कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) में कृषि और संबंधित उद्देश्यों के लिए गोदाम आदि के निर्माण के माध्यम से ‘सहकारिता क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना‘ के लिए संबंधित मंत्रालयों की योजनाओं के दिशानिर्देशों/कार्यान्‍वयन पद्धतियों में आवश्‍यकता के अनुसार संशोधन करने के लिए सहकारिता मंत्री की अध्‍यक्षता में अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया जाएगा जिसमें कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव, सदस्‍य के रूप में शामिल होंगे।

इस योजना को संबंधित मंत्रालयों की चिह्नित योजनाओं के तहत उपलब्‍ध कराए गए परिव्‍यय का उपयोग कर कार्यान्वित किया जाएगा।  इस योजना के तहत कन्वर्जेंस के लिए निम्‍नलिखित योजनाएं चिह्नित की गई हैं उनमें कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय की कृषि अवसंरचना कोष,  कृषि विपणन अवसंरचना योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन और कृषि यांत्रिकीकरण पर उपमिशन शामिल हैं। इसके अलावा खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय की दो योजनाएं, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की दो योजनाएं शामिल हैं। 

      यह योजना बहुआयामी है जो न केवल पैक्‍स के स्‍तर पर गोदामों के निर्माण द्वारा देश में भंडारण के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर करेगी बल्कि पैक्‍स को कई अन्‍य गतिविधियां करने के लिए भी सक्षम बनाएगी जिनमें राज्‍य एजेंसियों/भारतीय खाद्य निगम के लिए प्रोक्योरमेंट सेंटर्स के रूप में कार्य करना, उचित दर दुकानों (FPS) के रूप में सेवा प्रदान करना, कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स स्‍थापित करना, कॉमन प्रसंस्‍करण इकाइयां स्‍थापित करना जिसमें कृषि उपजों की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग इकाई, आदि शामिल हैं।इसके अलावा, स्‍थानीय स्‍तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बनने से खाद्यान्‍न की बर्बादी कम होगी और देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। किसानों को विभिन्‍न विकल्‍प प्रदान करके फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री रुकेगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त हो सकेगा। इससे खरीद केन्द्रों तक और फिर वेयरहाउस से उचित दर दुकानों तक खाद्यान्‍नों के परिवहन में होने वाले व्‍यय में भारी कमी आएगी।

      मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के एक सप्‍ताह के भीतर राष्‍ट्रीय स्‍तर की समन्‍वय समिति का गठन किया जाएगा। मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 15 दिनों के भीतर कार्यान्‍वयन दिशानिर्देश जारी कर दिए जाएंगे। मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर पैक्‍स को भारत सरकार और राज्‍य सरकारों के साथ लिंक करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया जाएगा । मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर प्रस्‍ताव का कार्यान्‍वयन शुरू हो जाएगा।