अक्टूबर माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित सालाना मुद्रास्फीति यानी खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 फीसदी तक पहुंच गई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई दर सितंबर के 5.49 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत हो गई। एक साल पहले अक्टूबर, 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसदी थी। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 14 महीनों में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 प्रतिशत की टॉलरेंस बैंड को पार कर गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) अक्टूबर में बढ़कर 10.87 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 9.24 फीसदी और एक साल पहले अक्टूबर में 6.61 फीसदी थी।
ग्रामीण इलाकों में शहरों से ज्यादा महंगाई
अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर ग्रामीण इलाकों में 6.68 फीसदी रही जबकि शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर 5.62 फीसदी थी। इस तरह खुदरा महंगाई की मार शहरों से ज्यादा ग्रामीण आबादी पर पड़ रही है।
सब्जियों की महंगाई सबसे अधिक
अक्टूबर में सबसे ज्यादा खुदरा महंगाई सब्जियों पर बढ़ी। सब्जियों की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 42.18 रही जबकि सितंबर में यह 35.99 प्रतिशत थी। सालाना आधार पर अक्टूबर में खाद्य तेलों (ऑयल एंड फैट्स) की महंगाई 9.51 फीसदी, फलों की महंगाई 8.43 और दालों की महंगाई 7.43 फीसदी बढ़ी।