महंगाई के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत की खबर है। नवंबर माह में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) घटकर 11 माह के सबसे निचले स्तर 5.88 फीसदी पर आ गई। महंगाई दर में यह कमी खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के चलते आई है। नेशनल स्टैटिस्टिकल आर्गेनाइजेशन (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। लेकिन औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर राहत की खबर नहीं है। एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर, 2022 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 5.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
पिछले 11 माह में यह पहला मौका है जब खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के लक्षित दायरे चार फीसदी , प्लस माइनस दो फीसदी के अंदर आई है। रिजर्व बैंक का लक्ष्य खुदरा महंगाई दर को दो फीसदी से छह फीसदी के बीच रखने का है।
अक्तूबर में महंगाई दर 6.77 फीसदी रही थी। वहीं पिछले साल नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4.91 फीसदी पर थी। उस लिहाज से नवंबर में महंगाई दर का स्तर अभी भी पिछले साल से अधिक बना हुआ है। एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में खाद्य महंगाई दर 4.67 फीसदी पर रही है जबकि अक्तबूर में इसका स्तर 7.01 फीसदी रहा था।
खुदरा महंगाई दर के रिजर्व बैंक के अधिकतम लक्षित स्तर छह फीसदी के नीचे महंगाई दर जनवरी के बाद पहली बार आई है। इसके 11 माह पहले दिसबंर, 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी के स्तर पर थी। पिछले सप्ताह ही रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी करते समय कहा था कि वह महंगाई से निपटने में कोई कमी नहीं रखेगा और उसके लिए महंगाई को लक्षित पर लाना बहुत ही अहम लक्ष्य है। उसने कहा था कि एक साल के भीतर महंगाई दर को चार फीसदी पर लाने के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। पिचले सप्ताह की ब्याज दर बढ़ोतरी के चलते रेपो दर 6.25 फीसदी हो गई है। वहीं मई, 2022 से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
लेकिन औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर राहत की खबर नहीं है। एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर, 2022 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 5.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि पिछले साल इसी माह में आईआईपी में 4.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इस साल अक्तूबर में खनन उत्पादन में 2.5 फीसदी और बिजली उत्पादन में 1.2 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी ही हुई है।