एमएसपी गारंटी कानून समेत 13 मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर पिछले 18 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत काफी नाजुक है। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की और डॉक्टरों की टीम से उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर राकेश टिकैत ने किसानों की एकजुटता पर जोर दिया।
टिकैत के साथ किसान नेता हरिंदर सिंह लाखोवाल, रतन मान, जंगवीर सिंह चौहान, मनजीत सिंह धनेर, बिंदर सिंह गोलेवाल, बलविंदर सिंह मल्हीनंगल, सुखगिल मोगा, बूटा सिंह शादीपुर, किरपा सिंह नत्थू वाला, कुलदीप सिंह बाजीदपुर सहित कई जत्थेबंदियों के किसान नेता मौजूद रहे। इसी के साथ किसान यूनियनों के बीच एकजुटता की सुगबुगाहट तेज हो गई है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा बिखर गया था।
एकजुटता पर जोर
राकेश टिकैत ने किसान संगठनों से एकजुट होने का आह्वान किया है। मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि डल्लेवाल हमारे बड़े नेता हैं और हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। पूरे देश के किसान चिंतित हैं। सरकार को किसानों की मांगों का संज्ञान लेना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या किसान संगठन एकजुट होंगे, टिकैत ने कह कि हमने एक समिति बनाई है जो अलग-अलग किसान नेताओं से बात करेगी।
टिकैत ने कहा कि किसानों को ताकत दिखानी होगी और केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे) से राष्ट्रीय राजधानी को घेरा जाएगा। इस बार आंदोलन केएमपी पर होगा। यह कब और कैसे होगा, हम देखेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को एक साथ आना चाहिए और अगले कदम के बारे में रणनीति बनानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को गांधीवादी तरीका अपनाना चाहिए। कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा सहायता देने का आदेश दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को डल्लेवाल से तुरंत मिलने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
कल फिर दिल्ली कूच
इस बीच, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं को बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 101 किसानों का एक समूह 14 दिसंबर को दोपहर में शंभू बॉर्डर से दिल्ली तक पैदल मार्च करने का एक और प्रयास करेगा। इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली कूच का प्रयास किया था।