देश में रबी फसलों की बुवाई 661.03 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। यह पिछले सीजन के 651.42 लाख हेक्टेयर और पांच साल के औसत यानी सामान्य क्षेत्र 635.30 लाख हेक्टेयर से अधिक है। रबी बुवाई का बढ़ना देश के कृषि उत्पादन के लिए अच्छा संकेत है।
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई 324.88 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले सीजन के 318.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है। इस बार गेहूं की बुवाई सामान्य क्षेत्र 312.35 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है।
दलहन की खेती की ओर किसानों को रुझान बढ़ा है। चालू रबी सीजन में 140.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन फसलों की बुवाई हुई है। जबकि पिछले सीजन में यह आंकड़ा 137.80 लाख हेक्टेयर था। दालों की बुवाई का क्षेत्र भी पांच साल के औसत से अधिक है। चना, मटर, उड़द और मूंग का क्षेत्र गत वर्ष से अधिक है जबकि मसूर की बुवाई पिछले सीजन के बराबर हुई है।
मोटे अनाजों की बुवाई में मामूली कमी
श्री अन्न और मोटे अनाजों की बुवाई पिछले साल के 55.46 लाख हेक्टेयर से मामूली घटकर 55.25 लाख हेक्टेयर रही है। मोटे अनाजों में सबसे ज्यादा कमी ज्वार की बुवाई में आई है। ज्वार का क्षेत्र पिछले साल के 27.36 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 24.35 लाख हेक्टेयर है।
बाजरा की बुवाई भी पिछले साल से कम रही है जबकि मक्का का क्षेत्र पांच साल के औसत 22.11 लाख हेक्टेयर को पार कर 23.67 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। पशु आहार और एथेनॉल के लिए मक्का की मांग के चलते किसानों का रुझान मक्का की तरह बढ़ रहा है। जौ का रकबा भी गत वर्ष और सामान्य क्षेत्र दोनों से अधिक है।
तिलहन के क्षेत्र में कमी
रबी फसलों का क्षेत्र बढ़ने के बावजूद तिलहन फसलों की बुवाई में कमी आई है। गत वर्ष रबी सीजन में तिलहन फसलों की बुवाई 99.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी, जबकि चालू रबी सीजन में तिलहन फसलों का क्षेत्र 97.47 लाख हेक्टेयर है।
तिलहन फसलों में सबसे ज्यादा कमी सरसों व रेपसीड की बुवाई में आई है। सरसों का क्षेत्र पिछले साल 91.83 लाख हेक्टेयर था जो इस बार घटकर 89.30 लाख हेक्टेयर रह गया है। हालांकि, मूंगफली का 3.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले अधिक है लेकिन यह सामान्य क्षेत्र से कम है। तिलहन की बुवाई घटने से खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की चुनौतियां बढ़ेंगी।
रबी फसलों के अंतर्गत बुवाई क्षेत्र कवरेज की प्रगति
(4 फरवरी 2025 तक, क्षेत्रफल: लाख हेक्टेयर में)
क्रम सख्या |
फसलें |
सामान्य क्षेत्र (डीईएस) (2018-19 - 2022-23) |
बोया गया क्षेत्र |
|
वर्तमान वर्ष 2024-25 |
पिछला वर्ष 2023-24 |
|||
1 |
गेहूँ |
312.35 |
324.88 |
318.33 |
2 |
चावल
|
42.02 |
42.54 |
40.59 |
3 |
दालें
|
140.44 |
140.89 |
137.80 |
क |
चना
|
100.99 |
98.55 |
95.87 |
ख |
मसूर
|
15.13 |
17.43 |
17.43 |
ग |
मटर
|
6.50 |
7.94 |
7.90 |
घ |
कुल्थी |
1.98 |
2.00 |
1.98 |
ङ |
उड़द
|
6.15 |
6.12 |
5.89 |
च |
मूंग
|
1.44 |
1.40 |
1.38 |
छ |
लैथिरस/ लतरी
|
2.79 |
2.80 |
2.75 |
ज |
अन्य दालें |
5.46 |
4.65 |
4.60 |
4 |
श्री अन्न एवं मोटे अनाज |
53.46 |
55.25 |
55.46 |
क |
ज्वार
|
24.37 |
24.35 |
27.36 |
ख |
बाजरा |
0.37 |
0.14 |
0.17 |
ग |
रागी |
0.74 |
0.73 |
0.68 |
घ |
गौण मोटे अनाज |
0.15 |
0.16 |
0.00 |
ङ |
मक्का |
22.11 |
23.67 |
21.75 |
च |
जौ
|
5.72 |
6.20 |
5.51 |
5 |
तिलहन |
87.02 |
97.47 |
99.23 |
क |
सरसों और रेपसीड |
79.16 |
89.30 |
91.83 |
ख |
मूंगफली |
3.82 |
3.65 |
3.42 |
ग |
कुसुम |
0.72 |
0.72 |
0.65 |
घ |
सूरजमुखी |
0.81 |
0.74 |
0.53 |
ङ |
तिल |
0.58 |
0.42 |
0.49 |
च |
अलसी |
1.93 |
2.26 |
1.92 |
छ |
अन्य तिलहन |
0.00 |
0.39 |
0.39 |
कुल |
635.30 |
661.03 |
651.42 |