प्याज पर निर्यात शुल्क के खिलाफ बढ़ रहा विरोध, एमपी तक फैला आंदोलन, भारतीय किसान संघ ने दी चेतावनी

प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने के खिलाफ किसानों और व्यापारियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादक जिले नासिक, अहमदनगर, पुणे से सोमवार को शुरू हुआ किसानों का आंदोलन मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर, रतलाम सहित मालवा नीमाड़ इलाके के अन्य जिलों में मंगलवार को किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। विरोध करने वाले संगठनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा किसान संगठन भारतीय किसान संघ भी शामिल है।

निर्यात शुल्क के विरोध में धरने पर बैठे प्याज किसान।

प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने के खिलाफ किसानों और व्यापारियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादक जिले नासिक, अहमदनगर, पुणे से सोमवार को शुरू हुआ किसानों का आंदोलन मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर, रतलाम सहित मालवा नीमाड़ इलाके के अन्य जिलों में मंगलवार को किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। विरोध करने वाले संगठनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा किसान संगठन भारतीय किसान संघ भी शामिल है। भारतीय किसान संघ ने केंद्र सरकार को चेतावनी भी दी है।

प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी नासिक के लासलगांव सहित महाराष्ट्र की अन्य कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में मंगलवार को भी प्याज की नीलामी बंद रही। प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्यात शुल्क वापस लिए जाने की मांग को लेकर जगह-जगह रास्ता रोका। किसानों का कहना है कि इस साल प्राकृतिक आपदा की वजह से प्याज किसानों को काफी नुकसान हुआ है। अब जब किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिलने की संभावना नजर आ रही है तो सरकार ने भारी भरकम निर्यात शुल्क लगाकर इस पर पानी फेर दिया है।

उधर, मध्य प्रदेश के इंदौर में मगंलवार को भारतीय किसान संघ ने इस फैसले के विरोध में कलेक्ट्रेट का घेराव किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम शुल्क वापस लेने संबंधी ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो सभी सांसदों का घेराव किया जाएगा और मंडियों को बंद किया जाएगा। इसके अलावा, मालवा इलाके के 15 जिलों में शुल्क वापस लेने संबंधी ज्ञापन सौंपा गया। मध्य प्रदेश का मालवा नीमाड़ इलाका प्याज का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। इससे पहले सोमवार को मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में किसान संगठनों ने इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया था।   

भारतीय किसान संघ, इंदौर के जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह राठौर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले तीन वर्षों से मध्य प्रदेश के प्याज किसान नुकसान झेल रहे हैं। इस फैसले से लाखों किसान प्रभावित होंगे। यदि केंद्र सरकार किसानों का भला चाहती है तो जल्द से जल्द इस फैसले को वापस ले।