देश में प्राकृतिक खेती के सफल मॉडलों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने की तैयारी की जा रही है। इसका उद्देश्य भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना है। इसके लिए नीति आयोग एक बड़ा राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार कर रहा है, जो सफल पहलुओं को पहचानने और उन्हें समर्थन देने में मदद करेगा। इस पहल में जीआईजेड इंडिया और कंसोर्टियम फॉर एग्रोइकोलॉजिकल ट्रांसफॉर्मेशन (सीएटी) मिलकर काम कर रहे हैं।
एग्रो इकोलॉजी के विशेषज्ञ रामंजनेयुलु जी.वी ने बताया कि बताया कि इस डेटाबेस में राज्यों, जिलों और ब्लॉकों में चल रही पहलों का मानचित्रण किया जाएगा। इसका उद्देश्य नीति आयोग को प्राथमिकता वाले जिलों और संभावित भागीदारों की पहचान में मदद करना है, ताकि प्राकृतिक खेती के प्रसार को और सशक्त किया जा सके।
रामंजनेयुलु जी.वी ने बताया कि इस सहयोग को सफल बनाने के लिए, नीति आयोग ने सीएसओ, बाजार सहभागियों और वित्तीय संस्थाओं से आग्रह किया है कि वे एक संक्षिप्त गूगल फॉर्म भरकर इस प्रयास में शामिल हों। इससे उन्हें अपने काम की विविधता और विषयगत क्षेत्रों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, जो बाद में नीति आयोग के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
रामंजनेयुलु जी.वी ने बताया कि यह पहल जीआईजेड इंडिया, इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव (आईसीसी), और सीएटी के संयुक्त प्रयासों के तहत संचालित की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य प्राकृतिक खेती के प्रसार और समर्थन के लिए जमीनी स्तर की संस्थाओं का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है, जिससे नीति आयोग के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। इस पहल से देशभर में प्राकृतिक खेती के प्रसार में एक नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद है, जहां विभिन्न हितधारक एक साथ आकर इस बदलाव में सहयोग करेंगे।