प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश को एक महत्वपूर्ण सोलर योजना का उपहार दिया है। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत देश के एक करोड़ घरों की छत पर सोलर सिस्टम लगाया जाएगा। अयोध्या से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इस योजना का ऐलान किया।
प्रधानमंत्री मोदी की सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, “आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफटॉप सिस्टम हो। अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ प्रारंभ करेगी। इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।”
अपनी अयोध्या यात्रा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर "प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना" शुरू करने के लिए पीएमओ और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा का उपयोग प्रत्येक घर द्वारा बिजली के बिल को कम करने और बिजली की जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लक्ष्य निम्न और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को रूफटॉप सोलर की स्थापना के माध्यम से बिजली उपलब्ध करना है। साथ ही उन्हें अतिरिक्त बिजली उत्पादन से अतिरिक्त आय का अवसर भी मिलेगा। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों को रूफटॉप सोलर अपनाने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाना चाहिए।
सरकार ग्रीन एनर्जी के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा पर जोर दे रही है। सरकार ने इस साल के अंत तक सौर ऊर्जा से 100 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है, जिसमें से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन छतों पर सोलर पैनल लगाकर करने की योजना है।
08 सोलर रूफटॉप सिस्टम से परिवारों को बिजली के बिल की बचत होगी और सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। पीएम सूर्योदय योजना को मोदी सरकार द्वारा मुफ्त बिजली के विकल्प के तौर पर भी देखा जा सकता है।
पहले से चल रही है नेशनल रूफटॉप स्कीम
फिलहाल केंद्र सरकार घरों पर सोलर रूफटॉप से जुड़ी एक योजना 'नेशनल रूफटॉप स्कीम' चला रही है। इसके तहत घर की छत पर 3 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगवाने पर सरकार 40 फीसदी सब्सिडी देती है। यह योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही है। रूफटॉप सोलर स्कीम के दोनों चरण से अभी करीब 10 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। रूफटॉप स्कीम के दूसरे चरण को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है।
क्या है रूफटॉप सोलर
रूफटॉप सोलर में किसी प्रतिष्ठान या घर की छत पर सोलर फोटोवोल्टिक पैनल स्थापित किया जाता है। इससे ग्रिड-कनेक्टेड बिजली की खपत कम करने में मदद मिलती है। रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने का शुरुआत में खर्च आता है जो फोटोवोल्टिक पैनल और बैटरी की क्षमता पर निर्भर करता है।
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के सीनियर प्रोग्राम लीड, नीरज कुलदीप का कहना है, "भारत में रूफटॉप सोलर स्थापित करने के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। सीईईडब्ल्यू के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, तकनीकी रूप से भारतीय घरों में 640 गीगावॉट से ज्यादा रूफटॉप सोलर स्थापित किया जा सकता है। वर्तमान में लगभग 7-8 लाख घरों में रूफटॉप सोलर स्थापित है और उन्हें सरकारी पूंजी सब्सिडी कार्यक्रम का लाभ मिला है। इससे लगभग 4 गीगावॉट सोलर क्षमता प्राप्त हुई है। 1 करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की नई घोषणा से रूफटॉप सोलर क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। रूफटॉप सोलर वाले घरों में 12-14 गुना बढ़ोतरी से 20-25 गीगावॉट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी।"