प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में फसलों की 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और बायो फोर्टिफाइड किस्मों को जारी किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत भी की। इन नई फसल किस्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर बल दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट भाषण में इन किस्मों को जारी करने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों के महत्व पर चर्चा की और इस बात को रेखांकित किया कि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों और जैविक खेती के प्रति आम लोगों के बढ़ते विश्वास के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि लोगों ने जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन और मांग करना शुरू कर दिया है। किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
किसानों ने जागरूकता पैदा करने में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को सक्रिय रूप से सूचित करना चाहिए ताकि उनके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
प्रधानमंत्री ने इन नई फसल किस्मों के विकास के लिए वैज्ञानिकों की भी सराहना की। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप काम कर रहे हैं, ताकि अप्रयुक्त फसलों को मुख्यधारा में लाया जा सके।
प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 फील्ड और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। फील्ड फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गईं।