केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दावा है कि देश में किसानों का 99 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया मिलों द्वारा चुका दिया गया है, जो 1.15 लाख करोड़ रुपये में से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। बुधवार को उन्होंने लोकसभा में कहा कि गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कदम उठाए, उनके कारण गन्ना किसानों की उत्पादकता बढ़ी है और उन्हें समय पर भुगतान मिल रहा है। दूसरी तरफ, चीनी मिलों की स्थिति में सुधार हुआ है।
केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, उत्तर प्रदेश की तीन चीनी मिलों पर अब सिर्फ 516 करोड़ रुपये बकाया है जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में किसानों को गन्ना मूल्य के रूप में 57,000 करोड़ रुपये मिले थे और किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान दो-तीन साल बाद दिया जाता था। 2022-23 में गन्ना उत्पादन डेढ़ गुना बढ़ गया और गन्ना भुगतान 1,15,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसमें से किसानों को 1,14,000 करोड़ रुपये का भुगतान समय पर किया गया है, जो 99 प्रतिशत से अधिक है।
हालांकि, इस पर कुछ विपक्षी सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि आंकड़े सही नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि 2014 में जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं। एथेनॉल को प्राथमिकता दी गई है ताकि चीनी मिलों को गन्ना किसानों का भुगतान करने में मदद मिल सके। पहले पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण केवल एक प्रतिशत था, लेकिन अब यह 12 प्रतिशत है। इन कदमों से चीनी मिलों को पैसा मिलना शुरू हो गया है और वे व्यवहार्य हो गई हैं। परिणामस्वरूप, 99 प्रतिशत किसानों को उनका भुगतान समय पर मिल रहा है।