भारत सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर जारी पाबंदियों के बीच पांच देशों को 2.40 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात को मंजूरी दी है। इनमें कीनिया को एक लाख टन, मिस्र को 60 हजार टन, इक्वेटोरियल गिनी को 10 हजार टन, मेडागास्कर को 50 हजार टन और कोमोरोस को 20 हजार टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया जाएगा। इसके अलावा आपदा सहायता के तौर पर नेपाल को 20 टन गैर-बासमती सफेद चावल भेजा जाएगा।
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, अफ्रीका के पांच देशों को गैर-बासमती चावल का यह निर्यात नेशनल कॉपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से किया जाएगा। नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारतीय चावल निर्यातक संघ को 20 टन गैर-बासमती चावल भेजने की अनुमति भी दी गई है। देश में चावल उत्पादन की स्थिति और कीमतों को देखते हुए भारत सरकार ने जुलाई महीने में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन विभिन्न देशों में खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर सरकार के स्तर पर चावल निर्यात की अनुमति दी जा रही है।
पिछले सप्ताह भारत सरकार ने भूटान सहित पांच देशों को करीब 9 लाख टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी थी। यह निर्यात भी नेशनल कॉपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड के जरिए होगा। सहकारिता मंत्रालय ने कृषि उपजों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस कंपनी का गठन किया है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि एनसीईएल को 16 देशों को 14.92 लाख टन गैर-बासमती चावल और 50 हजार टन चीनी निर्यात की अनुमति दी गई है।