प्याज और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर जारी प्रतिबंधों के बीच केंद्र सरकार ने बांग्लादेश को 50 हजार टन तथा संयुक्त अरब अमीरात को 14400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। इसी तरह तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल तथा जिबूती व गिनी बिसाऊ देशों को 80 हजार टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है।
इन निर्यात अनुमतियों के बारे में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से अधिसूचना जारी की गई हैं। डीजीएफटी की अधिसूचना के अनुसार, "नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात को 14,400 टन प्याज का निर्यात किया जाएगा।" केंद्र सरकार ने एनसीईएल के माध्यम से बांग्लादेश को 50 हजार टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।
बांग्लादेश को प्याज निर्यात के तौर-तरीकों के बारे में एनसीईएल द्वारा उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ परामर्श किया जाएगा। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध जारी है, लेकिन सरकार कुछ मित्र देशों के अनुरोध पर तय मात्रा में प्याज निर्यात की अनुमति दी है।
घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था जो 31 मार्च तक लागू है। प्याज उत्पादक और व्यापारी सरकार से निर्यात से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक यह प्रतिबंध नहीं हटा है।
पिछले कई दिनों से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटने की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन फिलहाल प्रतिबंध जारी है। इस बीच, सहकारी कंपनी के माध्यम से करीब 64 हजार टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है।
भारत सरकार ने तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल तथा जिबूती और गिनी बिसाऊ को 80,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति भी दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा है कि यह निर्यात भी राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने पिछले साल जुलाई में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन कुछ देशों के अनुरोध पर उनकी खाद्य सुरक्षा के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है। अधिसूचना के अनुसार, जिबूती को 30,000 टन और गिनी बिसाऊ को 50,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है। इससे पहले भारत ने नेपाल, कैमरून, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स जैसे देशों को भी चावल निर्यात किया था।