मानसून के रफ्तार पकड़ने से धान की बुवाई का रकबा सुधरा है, जबकि अरहर की बुवाई अभी भी चिंताजनक स्थिति में है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 14 जुलाई तक खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की बुवाई 1.03 करोड़ हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 9.79 फीसदी कम है। वर्ष 2022 की इस अवधि में 1.14 करोड़ हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी। जबकि इस अवधि तक अरहर की बुवाई 42.45 फीसदी कम रही है। खरीफ फसलों की कुल बुवाई पिछले साल के मुकाबले 4.29 फीसदी कम रही है।
आंकड़ों के मुताबिक, 14 जुलाई तक दलहन फसलों की 56.6 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जो पिछले साल के 67.5 लाख हेक्टेयर की तुलना में 16.15 फीसदी कम है। इस दौरान अरहर की बुवाई का रकबा 14.1 लाख हेक्टेयर रहा है जो पिछले साल इसी अवधि में 24.5 लाख हेक्टेयर था। उड़द की बुवाई का रकबा 15.19 फीसदी घटकर 13.4 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। पिछले साल इस तारीख तक 15.8 लाख हेक्टेयर में उड़द की बुवाई हुई थी। हालांकि, मूंग की बुवाई के रकबे में 6 फीसदी की वृद्धि हुई है। पिछले साल के 20 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल 21.2 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुवाई हुई है।
तिलहन फसलों की बात करें तो कुल बुवाई 10.40 फीसदी घटकर 1.13 करोड़ हेक्टेयर रह गई है। पिछले साल इसी अवधि में 1.26 करोड़ हेक्टेयर में खरीफ के तिलहन की बुवाई हुई थी। सबसे ज्यादा 14.85 फीसदी की कमी सोयाबीन में आई है। हालांकि, मूंगफली का रकबा 1.41 फीसदी बढ़कर 28.7 लाख हेक्टेयर हो गया है। 2022 में 28.3 लाख हेक्टेयर में मूंगफली बोई गई थी।
इस दौरान जूट की बुवाई का रकबा 7.35 फीसदी घटकर 6.3 लाख हेक्टेयर रह गया है। वहीं कपास के रकबे में 4.99 फीसदी की गिरावट आई है। यह पिछले साल के 1 करोड़ हेक्टेयर मुकाबले 95.3 लाख हेक्टेयर रहा है। गन्ने के रकबे में 4.69 फीसदी और मोटा अनाज के रकबे में 15.91 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मोटा अनाज में सबसे ज्यादा 44.51 फीसदी की वृद्धि बाजरा में और ज्वार में 26.47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस साल अब तक पिछले साल के 34.6 लाख हेक्टेयर की तुलना में 50 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई की गई है। वहीं ज्वार की बुवाई 8.6 लाख हेक्टेयर में की गई है जो पिछले साल 6.8 लाख हेक्टेयर थी।
समीक्षाधीन अवधि तक खरीफ फसलों की कुल बुवाई 5.36 करोड़ हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल 5.6 करोड़ हेक्टेयर थी। पिछले साल के मुकाबले इस साल बुवाई के कुल रकबे में 4.29 फीसदी की कमी आई है।