खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में केंद्र सरकार द्वारा धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 19 जून तक केंद्रीय पूल के लिए 830 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है। एमएसपी पर धान खरीद से अब तक 1.22 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और उनके बैंक खातों में सीधे 1.71 लाख करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए हैं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
इसी तरह, रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में 19 जून तक गेहूं की खरीद 262 लाख टन हुई है जो पिछले रबी मार्केटिंग सीजन के मुकाबले 74 लाख टन ज्यादा है। पिछले सीजन में 188 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। बयान में कहा गया है कि गेहूं और चावल की वर्तमान खरीद के साथ सरकारी अनाज में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है। गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 570 लाख टन तक पहुंच गया है जो देश की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आरामदायक स्थिति है।
बयान के मुताबिक, खरीदे गए धान के बदले चावल की डिलीवरी भी प्रगति पर है। 830 लाख टन धान (चावल के संदर्भ में 558 लाख टन) की खरीद के बदले केंद्रीय पूल में लगभग 401 लाख टन चावल 19 जून तक प्राप्त किया गया है। 150 लाख टन चावल मिलना अभी बाकी है।
एमएसपी पर गेहूं खरीद से 21.29 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और बैंक खातों में 55,680 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए हैं। गेहूं खरीद में प्रमुख योगदान पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा का है जहां क्रमशः 121.27 लाख टन, 70.98 लाख टन और 63.17 लाख टन की खरीद हुई है। गेहूं और धान की संयुक्त खरीद के लिए एमएसपी भुगतान पिछले साल के कुल भुगतान 2,05,896 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,26,829 करोड़ रुपये किया गया है।