धान का रकबा 15 लाख हेक्टेयर बढ़ा मगर दालों की बुवाई 11.50 लाख हेक्टेयर घट गई

धान की बुवाई का रकबा बढ़कर 360.79 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल इस अवधि तक 345.79 लाख हेक्टेयर में धान बोई गई थी। इसी तरह, मोटा अनाज की बुवाई का रकबा भी बढ़कर 176.39 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले साल 173.60 लाख हेक्टेयर रही थी। गन्ने की बुवाई 55.32 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 56.06 लाख हेक्टेयर रही है।

धान की बुवाई का रकबा बढ़ा।

खरीफ सीजन की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की बुवाई का रकबा 15 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है, जबकि दलहन फसलों की बुवाई में 11.59 लाख हेक्टेयर की कमी आई है। तिलहन फसलों, कपास और जूट की बुवाई भी घट गई है। हालांकि, मोटे अनाज और गन्ने की बुवाई बढ़ी है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 18 अगस्त तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक, धान की बुवाई का रकबा बढ़कर 360.79 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल इस अवधि तक 345.79 लाख हेक्टेयर में धान बोई गई थी। इसी तरह, मोटा अनाज की बुवाई का रकबा भी बढ़कर 176.39 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले साल 173.60 लाख हेक्टेयर रही थी। गन्ने की बुवाई 55.32 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 56.06 लाख हेक्टेयर रही है।

सबसे चिंताजनक स्थिति दलहन फसलों की है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में दालों की बुवाई 114.93 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल 126.52 लाख हेक्टेयर रही थी। उड़द की बुवाई 35.62 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 30.19 लाख हेक्टेयर और अरहर की बुवाई 43.72 लाख हेक्टेयर से घटकर 40.92 लाख हेक्टेयर रह गई है। मूंग की बुवाई भी घटकर 30.39 लाख हेक्टेयर रह गई है जो पिछले साल 33.07 लाख हेक्टेयर थी। दालों की बुवाई का रकबा घटने से उत्पादन प्रभावित होगा और कीमतें बढ़ेंगी। पिछले खरीफ सीजन में भी दालों का उत्पादन घटा था जिसकी वजह से कीमतें लगातार बढ़ रही है।

तिलहन फसलों में सोयाबीन का रकबा भले ही 123.39 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 124.15 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है लेकिन कुल रकबा 3.17 लाख हेक्टेयर घट गया है। मूंगफली का रकबा 44.48 लाख हेक्टेयर की तुलना में 42.77 लाख हेक्टेयर रहा है, जबकि सूरजमुखी का रकबा सिर्फ 66 हजार हेक्टेयर रहा है जो पिछले साल 1.85 लाख हेक्टेयर था।

नकदी फसलों में कपास का रकबा 124.21 लाख हेक्टेयर से घटकर 121.86 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। इसी तरह जूट एवं मेस्ता की बुवाई 6.95 लाख हेक्टेयर से कम होकर 6.56 लाख हेक्टेयर में हुई है। हालांकि, खरीफ फसलों की कुल बुवाई 1021.48 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1022.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई है।