पीएम-किसान सम्मान निधि से वंचित देश के करीब 78 लाख किसानों के लिए ई-केवाईसी करवाने का मौका है। इसके लिए कृषि मंत्रालय ने 12 से 21 फरवरी तक 10 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। किसान कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, पीएम-किसान सम्मान निधि की सालाना 6 हजार रुपये की धनराशि प्राप्त करने के पात्र 78 लाख किसान ऐसे हैं, जिनके ई-केवाईसी पेंडिंग हैं। ई-केवाईसी होते ही ये किसान पीएम-किसान योजना के पात्र हो जाएंगे। फरवरी के आखिर तक पीएम-किसान योजना की 16वीं किस्त किसानों के खातों में आने वाली है। अगर लाभार्थी किसान 21 फरवरी से पहले अपना ई-केवाईसी करवा लेते हैं, तो उन्हें अगली किस्त का लाभ मिल सकता है।
इस बारे में केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने राज्यों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर सभी पात्र किसानों को 21 फरवरी से पहले सभी पात्र किसानों का पीएम-किसान योजना के लिए ई-केवाईसी करवाने का आग्रह किया है। ई-केवाईसी अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार और विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करवाने को कहा गया है। अभियान के दौरान विलेज लेवल नोडल ऑफिसर ई-केवाईसी से छूट गए लाभार्थी किसानों की पहचान करेंगे।
अभियान के बारे में सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय राकेश ने कहा कि अभी भी कुछ किसानों को पीएम-किसान की किस्त नहीं मिल पा रही है। इसकी दो प्रमुख वजह हैं। पहला, ई-केवाईसी का नहीं होना और दूसरा बैंक खाते का आधार से लिंक न होना। इन दोनों समस्याओं के लिए हम 12 से 21 फरवरी तक विशेष अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से सीएससी उद्यमियों द्वारा गांवों में शिविर लगाकर लोगों का समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके अलावा अगर कोई लाभार्थी पीएम-किसान योजना की 15वीं किस्त से वंछित रह गए हैं तो इस शिविर में समस्याओं के निराकरण के बाद उनको पुरानी किस्त के पैसे भी मिल जाएंगे।
सीएससी देश के दूर-दराज इलाकों में मौजूद सीएससी के विशाल नेटवर्क की बदौलत पहले से ही हम किसानों को टेली-परामर्श, फसल बीमा, ई-पशु चिकित्सा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान योजनाओं के जरिए विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। गत12 फरवरी से कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से शुरू हुए ई-केवाईसी अभियान के लिए प्रदेश और जिला स्तर पर सीएससी के अधिकारियों के साथ बैठक कर लाभार्थी किसानों की पहचान कर उनके ई-केवाईसी करवाने के निर्देश भी दिए गये हैं।