देश में प्याज की कीमतों में एक बार उछाल देखने को मिला है। प्याज की कीमतें पिछले 15 दिनों में करीब 25 से 30 फीसदी तक बढ़ी हैं। थोक मंडियों में प्याज की आवक जारी है। इसके बावजूद कीमतों में तेजी देखी जा रही है। हालांकि, किसान प्याज के मौजूदा दामों से संतुष्ट नहीं हैं। किसानों को और बेहतर दाम की उम्मीद है। अभी उन्हें औसतन 24 से 26 रुपये प्रति किलो के आसपास दाम मिल रहा है। लेकिन दाम बढ़ने की उम्मीद में कई किसान मंडियों तक लाने में संकोच कर रहे हैं और बेहतर दाम मिलने की आस में प्याज स्टॉक कर रहे हैं। जहां एक ओर देश की खुदरा मंडियों में प्याज की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो चल रही है। वहीं, थोक मंडियों में प्याज 4 हजार से 7 हजार रुपये/क्विंटल के बीच बिक रहा है।
प्याज की कीमतों और किसानों को पेश आ रही समस्याओं को लेकर रूरल वॉयस से बात करते हुए महाराष्ट्र के किसान संगठन शेतकरी संघठना के नेता और एमएसपी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति के सदस्य अनिल घनवट ने बताया कि नासिक की मंडी में अभी औसतन 2500 रुपये प्रति क्विंटल का दाम चल रहा है। हालांकि, किसान इससे खुश नहीं है। किसानों को प्रति किलो प्याज पर 24 से 26 रुपये मिल रहे हैं, जो अभी भी कम हैं। उन्होंने कहा प्याज की कीमतों में बड़ी गिरावट के बाद किसान अब बेहतर दाम की उम्मीद कर रहे हैं। जिस वजह से मंडियों में प्याज की सामान्य आवक हो रही है। खुदरा बाजारों में प्याज की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने के बाद भी किसानों को दाम बेहद कम मिल रहा है। ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी, जिससे उन्हें अच्छा दाम मिलेगा।
निर्यातबंदी ने तोड़ी किसानों की कमर
किसानों का कहना है कि सरकार ने भले ही प्याज निर्यात पर लगी रोक हटा दी, लेकिन प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी और 500 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू है जो उन्हें परेशान कर रहा है। किसानों का कहना है कि वे पहले ही निर्यातबंदी के कारण काफी नुकसान उठा चुके हैं। वहीं, एक्सपोर्ट ड्यूटी और न्यूनतम निर्यात मूल्य के कारण प्याज एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ा है। जिस वजह से उन्हें बेहतर कीमत नहीं मिल रही है।
नासिक के एक प्याज ट्रेडर मनोज जैन ने रूरल वॉयस को बताया कि किसान उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्र सरकार अब प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा सकती है। इसी अनुमान के दम पर स्टॉकिस्ट और किसान प्याज का भंडारण कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि एक्सपोर्ट ड्यूटी हटने के बाद प्याज के दाम काफी ऊपर जा सकते हैं और इस समय पर वो अपनी प्याज की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
एक्सपोर्ट में फिलहाल बनी हुई है सुस्ती
मनोज जैन ने बताया कि प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी की वजह से फिलहाल इसकी गति धीमी बनी हुई है। आगामी 17 जून को ईद उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार मनाया जाएगा तो ट्रेडर्स का दावा है कि घरेलू मांग में कुछ और समय तक तेजी जारी रहेगी। वहीं, महाराष्ट्र से आने वाली प्याज के लिए मांग लगातार बढ़ रही है। खासकर दक्षिणी राज्यों से डिमांड तेजी से बढ़ी है।
किस मंडी में कितना है दाम
केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, मंगलवार 11 जून को केरल की चेंगन्नूर मंडी में प्याज को सबसे अच्छा दाम मिला। यहां प्याज 7200 रुपये/क्विंटल के भाव में बिका। इसी तरह, केरल की थलयोलापरम्बु मंडी में प्याज 7000 रुपेय/क्विंटल, मन्नार मंडी में 6700 रुपये/क्विंटल, हिमाचल की पालमपुर मंडी में 5000 रुपये/क्विंटल और तेलंगाना की सिद्दीपेट मंडी में 4500 रुपये/क्विंटल के भाव में बिका। वहीं, बात अगर महाराष्ट्र की मंडियों की करें तो वहां किसानों को औसतन 2 से ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिल रहा है जबकि, अधिकतम दाम 4000 रुपये/क्विंटल को पार कर चुके हैं।