नासिक की मंडियों में तीन दिन की हड़ताल के बाद गुरुवार दोपहर से प्याज की नीलामी फिर से शुरू हो गई। हालांकि, निर्यात शुल्क लगाए जाने से पहले थोक मंडियों में प्याज का जो भाव 22-23 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया था गुरुवार को उसकी बोली 16-17 रुपये प्रति किलो लगी। प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में प्याज व्यापारियों और किसानों ने सोमवार से नीलामी रोक दी थी और हड़ताल पर चले गए थे।
बुधवार को प्याज व्यापारियों और किसानों के प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार के साथ बैठक हुई जिसमें गुरुवार से नीलामी शुरू करने पर सहमति बनी। पवार ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार से निर्यात शुल्क पर दोबारा विचार करने और सकारात्मक निर्णय लेने का अनुरोध किया जाएगा। पवार नासिक जिले के डिंडोरी से सांसद हैं। हालांकि, गुरुवार सुबह जब कृषि उपज मंडियों में प्याज की नीलामी शुरू हुई तो भाव गिरने की वजह से किसानों ने फिर से नीलामी रोक दी और व्यापारियों द्वारा भाव बढ़ाने का आश्वासन दिए जाने के बाद दोपहर बाद ही नीलामी शुरू हो पाई।
नासिक के पिंपलगांव मंडी के प्याज व्यापारी संदीप जगताप ने रूरल वॉयस को बताया कि गुरुवार सुबह 16-17 रुपये प्रति किलो पर नीलामी शुरू हुई। इसके विरोध में किसानों ने फिर से नीलामी रोक दी। उनकी मांग थी कि केंद्र सरकार ने नेफेड के जरिये 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीदने की घोषणा की है तो नेफेड के लोग मंडी में आकर खरीदारी करें। जबकि हकीकत यह है कि नेफेड मंडी में आकर नहीं बल्कि उनके द्वारा तय किए गए व्यापारियों के जरिये खरीदारी करती है। हालांकि, दोपहर बाद पिंपलगांव मंडी में फिर से प्याज की नीलामी शुरू हो गई। पिंपलगांव में गुरुवार को प्याज की करीब 200 गाड़ियों की आवक रही।
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू शेट्टी ने रूरल वॉयस को बताया कि बुधवार को हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी थी लेकिन गुरुवार को भाव नीचे गिरने की वजह से किसानों ने फिर से नीलामी रोक दी। व्यापारियों और किसानों के बीच भाव को लेकर बातचीत चल रही है। व्यापारियों ने आश्वासन दिया है कि वे प्याज का भाव बढ़ाएंगे। अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगा दिया है जिससे प्याज का निर्यात बंद हो गया है और मंडियों में कीमत घट गई है। इसकी वजह से व्यापारियों और किसानों दोनों को नुकसान हो रहा है। किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदने की घोषणा की है।
हालांकि, किसानों का कहना है कि इस कीमत पर भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि मई-जून में बारिश की वजह से उनकी 40-45 फीसदी फसल खराब हो चुकी है। उन्हें 55-60 फीसदी फसल की कीमत ही मिल पा रही है। अगर निर्यात शुल्क नहीं लगाया जाता तो मंडी में कीमत 35-40 रुपये प्रति किलो तक जाता जिससे उन्हें राहत मिलती।