वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 50.65 लाख करोड़ रुपये के बजट में मध्य वर्ग, खास कर नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में बड़ी राहत देने की घोषणा की है। इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को अब कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। हालांकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में 5 लाख रुपये की पुरानी सीमा को ही बरकरार रखा गया है। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं हैं- कम उत्पादकता वाले 100 जिलों के लिए धन धान्य कृषि योजना, खाद्य तेल और बीज के लिए राष्ट्रीय मिशन, दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का मिशन। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कर्ज की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है।
मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने अपने खर्चों में कटौती की है। इसे 48.20 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले संशोधित कर 47.16 लाख करोड़ किया गया है। इसका असर प्रमुख योजनाओं के प्रावधानों में दिखता है। कृषि बजट 1.52 लाख करोड़ के बजट अनुमान के मुकाबले 1.41 लाख करोड़ रह गया। ग्रामीण विकास के बजट में तो इस साल 28 प्रतिशत की कटौती की गई है। हालांकि मनरेगा और पीएम गरीब कल्याण योजना समेत कुछ योजनाओं के बजट को या तो बरकार रखा गया है या मामूली कटौती की गई है।
इनकम टैक्स
मध्य वर्ग को बड़ी राहत देते हुए आम बजट 2025-26 में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को कर से छूट देने की घोषणा की गई है। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलता है। इस तरह उनके लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये हो जाएगी। लेकिन अगर सालाना आय इससे अधिक है तो नई या पुरानी कर व्यवस्था के तहत ही टैक्स लगेगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 6व्यक्ति ने साल की शुरुआत में कौन सी टैक्स व्यवस्था को चुना है। पुरानी कर व्यवस्था में 5 लाख रुपये तक की आय पर अभी टैक्स नहीं देना पड़ता है। नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं। यह इस प्रकार है-
सालाना आय - टैक्स दर
4 से 8 लाख - 5%
8 से 12 लाख - 10%
12 से 16 लाख - 15%
16 से 20 लाख - 20%
20 से 24 लाख - 25%
24 लाख से अधिक - 30%
बजट का आकार
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट का आकार 50.65 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जो मौजूदा 2023-24 के संशोधित अनुमान से 7.4 प्रतिशत अधिक है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट के आकार में कटौती की गई है। इस वर्ष का बजट अनुमान 48.20 लाख करोड़ रुपये था, जबकि संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ है। इस वर्ष केंद्र सरकार के कर राजस्व को भी 25.83 लाख करोड़ के बजट अनुमान से संशोधित कर 25.56 लाख करोड़ रुपये किया गया है। अगले साल इस मद में 28.37 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के 4.9 प्रतिशत के बजट अनुमान की तुलना में 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 2025-26 के लिए 4.4 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।
कर राजस्व
कर राजस्व में कंपनियों से मिलने वाला कॉरपोरेट टैक्स संग्रह मौजूदा वर्ष में बजट उम्मीदों से लगभग 40,000 करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है, जबकि व्यक्तिगत इनकम टैक्स संग्रह बढ़ा है। कॉरपोरेट टैक्स 10.20 लाख करोड़ के बजट अनुमान के मुकाबले 9.80 लाख करोड़ है। इनकम टैक्स 11.87 लाख करोड़ की तुलना में 12.57 लाख करोड़ रुपये है। अगले वित्त वर्ष के लिए कॉरपोरेट टैक्स का अनुमान 10.82 लाख करोड़ और इनकम टैक्स का 14.38 लाख करोड़ रुपये का है। जीएसटी संग्रह इस साल तो 10.61 लाख करोड़ के बजट अनुमान के बराबर ही रहने के आसार हैं, अगले साल के लिए 11.78 लाख करोड़ की उम्मीद जताई गई है। वर्ष 2025-26 में पहली बार कर राजस्व जीडीपी के 12 प्रतिशत के बराबर होगा। इसमें 7.1 प्रतिशत डायरेक्ट टैक्स और 4.9 प्रतिशत इनडायरेक्ट टैक्स होगा। मौजूदा वित्त वर्ष में कर राजस्व जीडीपी का 11.9 प्रतिशत है।
कृषि एवं ग्रामीण विकास
वित्त वर्ष 2025-26 में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 1,71,437 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह इस वर्ष के संशोधित अनुमान से 21.70 प्रतिशत अधिक है, लेकिन मौजूदा वर्ष के अनुमान में कटौती की गई है। इस वर्ष का बजट अनुमान 1,51,851 करोड़ का था, जबकि संशोधित अनुमान में इसे घटाकर 1,40,859 करोड़ कर दिया गया है।
मौजूदा वित्त वर्ष में इससे भी ज्यादा कटौती ग्रामीण विकास के बजट में की गई है। बजट अनुमान में इस मद में 2,65,808 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसे संशोधित अनुमान में 1,90,675 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस तरह इसमें 28 प्रतिशत की कटौती की गई है। वर्ष 2025-26 के लिए 2.67 लाख करोड़ का प्रावधान है।
मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष के बजट और संशोधित अनुमानों में भी यह इतना ही था। किसान सम्मान निधि के लिए बजट में 63,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह मौजूदा वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में भी इतना ही है, जबकि बजट अनुमान 60,000 करोड़ का था।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए 2025-26 के बजट में 2.03 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष में इसके लिए बजट प्रावधान 2,05,250 करोड़ का था, जबकि संशोधित अनुमान 1.97 लाख करोड़ का है। इस साल शिक्षा और समाज कल्याण के बजट में भी कटौती की गई है। शिक्षा का बजट 1,25,638 करोड़ के बजट अनुमान की तुलना में 1,14,054 करोड़ रह गया है। वर्ष 2025-26 के लिए 1,28,650 करोड़ का प्रावधान है। समाज कल्याण का बजट इस साल के 56,501 करोड़ को संशोधित कर 46,482 करोड़ रुपये किया गया है। अगले साल इस मद में 60 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं।
प्रमुख योजनाओं पर गौर करें तो मौजूदा वित्त वर्ष में राष्ट्रीय कृषि योजना के लिए निर्धारित 7,553 करोड़ के मुकाबले 6,000 करोड़ ही खर्च हो पाए। कृषोन्नति योजना में भी 7,447 करोड़ के बजट को संशोधित कर 7,106 करोड़ कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 में इन दोनों योजनाओं के लिए क्रमशः 8,500 करोड़ और 8,000 करोड़ का प्रावधान है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 2,465 करोड़ रुपये का प्रावधान है। लेकिन इसमें भी मौजूदा वित्त वर्ष के 2,352 करोड़ के बजट प्रावधान को घटाकर 1,500 करोड़ कर दिया गया है।
इस साल पीएम कृषि सिंचाई योजना के बजट को भी 8,250 करोड़ से घटाकर 6,621 करोड़ किया गया है। अगले साल के लिए 8,260 करोड़ का प्रावधान है। पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत इस साल 19,000 करोड़ की तुलना में 14,500 करोड़ ही खर्च होंगे। अगले साल के लिए फिर से 19,000 करड़ का बजट प्रावधान किया गया है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन के लिए इस साल का प्रावधान 15,047 करोड़ पर स्थिर है, अगले साल के लिए 19,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
एक और बड़ी कटौती जल जीवन मिशन में की गई है। वर्ष 2024-25 के लिए 70,163 करोड़ के बजट प्रावधान को संशोधित अनुमान में घटाकर 22,694 करोड़ कर दिया गया है। 2025-26 के लिए 67,000 करोड़ का प्रावधान है। किसान ऊर्जा सुरक्षा योजना- कुसुम के लिए बजट में 2,600 करोड़ का प्रावधान है। मौजूदा वित्त वर्ष में 1,996 करोड़ के बजट प्रावधान को संशोधित कर 2,525 करोड़ किया गया है।
फसल बीमा योजना के लिए 2025-26 में 12,242 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष में इस मद में बजट प्रावधान 14,600 करोड़ रुपये था जबकि संशोधित अनुमान में इसे बढ़ाकर 15,864 करोड़ किया गया है। पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए अगले साल और इस साल का संशोधित अनुमान 1980 करोड़ का है। इस साल का बजट प्रावधान 2,465 करोड़ का था। डेयरी विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस मद में इस साल का बजट प्रावधान 371 करोड़ और संशोधित अनुमान 450 करोड़ का है।
सब्सिडी
उर्वरक सब्सिडी के लिए 1,67,887 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसमें यूरिया सब्सिडी 1,18,900 करोड़ और न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी 49,000 करोड़ रुपये है। उर्वरक सब्सिडी मौजूदा वित्त वर्ष में 1.64 लाख के बजट अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमान 1,71,299 करोड़ रुपये है। इसमें यूरिया सब्सिडी 1.19 लाख करोड़ और न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी 52,310 करोड़ है। यूरिया सब्सिडी तो बजट अनुमान के बराबर है, लेकिन न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी के लिए बजट प्रावधान 45,000 करोड़ रुपये का था।
खाद्य सब्सिडी बजट अनुमान से कम रही है। मौजूदा वर्ष का बजट अनुमान 2,05,250 करोड़ रुपये था जबकि संशोधित अनुमान 1,97,420 करोड़ का है। अगले वित्त वर्ष के लिए खाद्य सब्सिडी 2,03,420 करोड़ रुपये और पेट्रोलियम सब्सिडी 12,100 करोड़ रुपये तय की गई है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 2025-26 में 11.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष में 11.11 लाख करोड़ की तुलना में सिर्फ 10.2 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सका। ग्रांट को भी शामिल करें तो कुल पूंजीगत व्यय मौजूदा वित्त वर्ष में 13.2 लाख करोड़ और अगले वित्त वर्ष 15.5 लाख करोड़ रुपये होगा। इस वर्ष यह जीडीपी के 4.1 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.3 प्रतिशत के बराबर होगा।
पीएम आवास योजना- शहरी के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 30,171 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया था, लेकिन इसका आधा भी खर्च हो पाया। संशोधित अनुमान में इसे घटाकर 13,670 करोड़ कर दिया गया है। अगले साल के लिए 19,794 करोड़ रुपये रखे गए हैं। योजना के दूसरे चरण (2.0) के लिए 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान है। पीएम आवास योजना- ग्रामीण के लिए भी इस साल के बजट में कटौती की गई है। इसे 54,500 करोड़ के बजट अनुमान से घटाकर 32,426 करोड़ किया गया। अगले साल के लिए 54,832 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नई रोजगार सृजन योजना के तहत 2025-26 के लिए 20,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष में इसके लिए 10,000 करोड़ का प्रावधान किया गया था, लेकिन इसमें से 6,799 करोड़ ही खर्च हो पाने की उम्मीद है। इंडिया एआई मिशन के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में 552 करोड़ के बजट में से 173 करोड़ ही खर्च होने का अनुमान है। अगले साल के लिए 2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम डेवलप करने के लिए 7,000 करोड़ का प्रावधान अगले साल के लिए किया गया है। इसमें भी मौजूदा साल में 6,903 करोड़ के बजट में से 3,816 करोड़ ही खर्च होने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में एनएचएआई को 1.70 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह मौजूदा वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 1.69 लाख करोड़ से थोड़ा ज्यादा है।