वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 39.44 लाख करोड़ के बजट में आम लोगों को कोई राहत नहीं, इंडस्ट्री के लिए भी प्रावधान थोड़े वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश किए गए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इनकम टैक्स दर या स्लैब से संबंधित प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया है। महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाए जाने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन वित्त मंत्री ने उसे भी नहीं बदला है। कॉरपोरेट टैक्स की दर में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए 15 फीसदी की रियायती कॉरपोरेट टैक्स दर मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दी गई है।
ज्वैलरी सेक्टर के लिए आयात शुल्क में बदलाव
बजट में इंपोर्ट ड्यूटी में कुछ बदलाव किए गए हैं। कट और पॉलिश्ड डायमंड और जेमस्टोन पर आयात शुल्क 7.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। बजट में ईकॉमर्स के जरिए ज्वैलरी निर्यात बढ़ाने की बात है। इसके लिए जून तक नया रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लाया जाएगा। घरेलू इमिटेशन ज्वैलरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस पर कम से कम 400 रुपये प्रति किलो इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है।
सहकारी समितियों पर मैट में कटौती
सहकारी समितियों पर अभी 18.5 फीसदी न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगता है। बजट में इसे घटाकर 15 फीसदी किया गया है। एक करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक सालाना आय वाली सहकारी समितियों पर सरचार्ज की दर भी 12 फीसदी से घटाकर सात फीसदी की गई है।
39.44 लाख करोड़ रुपये व्यय वाला बजट
वित्त मंत्री ने 2022-23 में 39.44 लाख करोड़ रुपये व्यय का प्रावधान किया है। यह 2021-22 के 34.83 लाख करोड़ के बजट अनुमान से पांच फीसदी और 37.70 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 4.6 फीसदी ज्यादा है। बजट में मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 के राजकोषीय घाटे के अनुमान को 6.8 फीसदी से संशोधित करके 6.9 फीसदी किया गया है। हालांकि अगले वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी घाटे का अनुमान है। आश्चर्य की बात है कि एक दिन पहले ही आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया था कि राजकोषीय मोर्चे पर काफी गुंजाइश है। राजकोषीय घाटा जीडीपी के अनुपात में होता है। वित्त वर्ष 2020-21 में यह 9.2 फीसदी था। अगले वित्त वर्ष में सरकार बाजार से 11.58 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी। यह मौजूदा वित्त वर्ष के 9.7 लाख करोड़ से करीब दो लाख करोड़ रुपये ज्यादा है।
राज्यों को निवेश बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। इसके अलावा राज्यों को उनके जीएसडीपी के चार फीसदी तक राजकोषीय घाटा ले जाने की इजाजत होगी। इससे भी राज्यों के लिए खर्च करने की गुंजाइश बढ़ेगी।
किसान ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा
फसलों के आकलन, जमीन के रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए आने वाले दिनों में किसान ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी। इसके लिए पहले चरण में गंगा के दोनों किनारों पर पांच-पांच किलोमीटर दूर कॉरिडोर में रसायन मुक्त खेती को प्रमोट किया जाएगा। किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाओं की डिलीवरी के लिए पीपीपी मोड में एक स्कीम लाई जाएगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि 2021-22 में सरकार 163 लाख किसानों से 1,208 लाख टन गेहूं और धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदेगी। किसानों के खाते में 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी के सीधे भुगतान के रूप में जमा किए जाएंगे। साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। इसलिए सरकार देश में इनकी खपत बढ़ाने के प्रयास करेगी।
पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख घर बनेंगे
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022-23 में शहरी और ग्रामीण इलाकों में 80 लाख घर बनाने का प्रस्तव है। इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। करीब 3.8 करोड़ घरों में नल लगाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
अनब्लेंडेड ईंधन पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी
पेट्रोल-डीजल में बायोफ्यूल की ब्लेंडिंग को बढ़ावा देने के लिए बजट में एक प्रस्ताव है। बिना ब्लेंडिंग वाले ईंधन पर 1 अक्टूबर 2022 से दो रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगेगी। बजट में मेथनॉल समेत कई केमिकल पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। कुछ स्टील उत्पादों पर एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंड ड्यूटी हटाई गई है। इससे वे आयातित स्टील उत्पाद सस्ते हो सकते हैं। हालांकि इनकी कीमत हाल के महीनों में पहले ही काफी बढ़ी है।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए गारंटी स्कीम बढ़ी
सरकार ने 2020 में कोविड-19 महामारी से प्रभावित औद्योगिक इकाइयों की मदद के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की घोषणा की थी। इसे मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। गारंटी की कुल रकम 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये की गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक करीब 1.3 करोड़ एमएसएमई इस स्कीम का फायदा उठा चुके हैं। बढ़ी हुई रकम होटल और इससे जुड़े सेक्टर के लिए होगी।
आरबीआई लांच करेगा क्रिप्टो करेंसी
इंडस्ट्री की मांग को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी (रुपया) लांच करेगा। क्रिप्टोकरेंसी या अन्य वर्चुअल ऐसेट की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। एक निश्चित सीमा से अधिक मूल्य के वर्चुअल ऐसेट के ट्रांसफर पर एक फीसदी टीडीएस काटा जाएगा। वर्चुअल ऐसेट गिफ्ट देने पर भी टैक्स लगेगा। इसका मकसद इस तरह के ट्रांजैक्शन पर टैक्स चोरी रोकना है। बजट को संसद की मंजूरी मिलने के बाद ये टैक्स प्रस्ताव 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे। अभी लॉटरी, गेम शो आदि से होने वाली कमाई पर भी 30 फीसदी टैक्स लगता है। पिछले साल नॉन फंजिबल टोकन (एनएफटी) जैसे डिजिटल ऐसेट का चलन तेजी से बढ़ा है।