चीनी ट्रेडर्स, डीलर्स, होलसेलर्स और बिग चेन रिटेलर्स को अब हर सप्ताह नहीं देनी होगी स्टॉक की जानकारी

व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन के रिटेलरों और डीलर्स को अब हर हफ्ते चीनी के स्टॉक की जानकारी नहीं देनी होगी। चीनी की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा करने के बाद केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है।

व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन के रिटेलरों और डीलर्स को अब हर हफ्ते चीनी के स्टॉक की जानकारी नहीं देनी होगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। राज्य सरकारों को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि देश में चीनी की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा करने के बाद यह पाया गया है कि पूरे साल घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में चीनी का स्टॉक उपलब्ध है। जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि अब व्यापारियों को साप्ताहिक आधार पर चीनी के स्टॉक की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है। 

सितंबर में ऑल इंडिया शुगर ट्रेडर एसोसिएशन (एआईएसटीए) ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को पत्र लिखकर चीनी के स्टॉक की जानकारी आनिवार्य रूप से देने के आदेश को वासस लेने की मांग की थी। 

पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े चेन रिटेलरों और डीलरों के लिए चीनी के स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया था। इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया था चीनी बाजार में जमाखोरी से निपटने और बेईमान सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। कारोबारियों को हर सोमवार को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (https://esugar.nic.in) पर अपना चीनी का स्टॉक अपडेट करने के लिए कहा गया था।

चीनी उद्योग के मुताबिक, देश में इस साल कुल चीनी उत्पादन 325 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले साल के 343 लाख टन के मुकाबले 18 लाख टन कम है। मार्केट में उपलब्ध चीनी यानी नेट शुगर प्रोडक्शन 285 लाख टन रहेगा, जो पिछले साल 319 लाख टन था। पिछले साल 57.23 लाख टन के बकाया स्टॉक के साथ कुल चीनी उपलब्धता 376.23 लाख टन थी। वहीं, चालू सीजन की शुरूआत में 80.23 लाख टन के बकाया स्टॉक के चलते चीनी की कुल उपलब्धता 365.23 लाख टन रहेगी। सालाना 295 लाख टन की खपत के चलते साल के अंत में 55.23 लाख टन का बकाया स्टॉक रहने का अनुमान है।