सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) का मूल्यांकन करने जा रही है। इसका मकसद इसके जमीनी प्रभाव का आकलन करना है। नीति आयोग के अंतर्गत आने वाले विकास, निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (DMEO) ने 2005 में शुरू हुई इस योजना के मूल्यांकन के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इस मूल्यांकन के लिए अनुबंध 10 दिसंबर 2024 तक दिये जाने की संभावना है।
इस परियोजना के लिए सलाहकार का चयन दो-स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इसमें तकनीकी और वित्तीय निविदाएं अलग-अलग प्रस्तुत की जाएंगी। मूल्यांकन की प्रक्रिया अनुबंध पर हस्ताक्षर की तारीख से छह महीने में पूरी करनी पड़ेगी।
डीएमईओ के अनुसार सलाहकार सेकंडरी डेटा और मौजूदा तथ्यों का गहन विश्लेषण करेगा। साथ ही वह 14 राज्यों में कम से कम 20,065 घरों का फील्ड सर्वेक्षण करेगा। इसके लिए कंप्यूटर सहायता प्राप्त व्यक्तिगत साक्षात्कार (CAPI) का उपयोग किया जाएगा। इस अध्ययन में गुणात्मक साक्षात्कार भी शामिल होंगे। यह सर्वेक्षण पिछले पांच वित्तीय वर्षों (वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2023-24) का डेटा कवर करेगा।
पहले चरण में आवेदकों का तकनीकी मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों का वित्तीय मूल्यांकन होगा। अंतिम रैंकिंग तकनीकी और वित्तीय दोनों अंकों के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
निविदा दस्तावेज के अनुसार सलाहकार इस कार्य के लिए एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम बनाएगा। इस टीम में एक टीम लीडर, निगरानी और मूल्यांकन विशेषज्ञ, ग्रामीण विकास विशेषज्ञ, श्रम विशेषज्ञ, इन्फ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ, सांख्यिकीविद, डेटा प्रबंधन और विश्लेषण विशेषज्ञ और कंटेंट राइटर शामिल होंगे। कंटेंट एडिटर को छोड़कर सभी प्रमुख कर्मी मूल्यांकन अध्ययन की पूरी अवधि के लिए रखे जाएंगे।